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कैपिटल हिल के पास लगी डोनाल्ड ट्रंप और दोषी सेक्स अपराधी जेफ्री एपस्टीन की 12 फुट ऊंची मूर्ति, देखकर दंग रह गए लोग!

कैपिटल हिल के पास लगी डोनाल्ड ट्रंप और दोषी सेक्स अपराधी जेफ्री एपस्टीन की 12 फुट ऊंची मूर्ति, देखकर दंग रह गए लोग!

वॉशिंगटन डी.सी. के नेशनल मॉल पर मंगलवार को अचानक कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने राहगीरों को रुकने और कैमरे निकालने पर मजबूर कर दिया। अमेरिकी संसद भवन (U.S. Capitol) के पास एक 12 फुट ऊंची ट्रंप और जेफ्री एपस्टीन की मूर्ति स्थापित की गई — और इसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।

लोगों की भीड़ और हैरानी

दर्जनों लोग उस जगह पर इकट्ठा हो गए, मोबाइल निकालकर फोटो और वीडियो बनाने लगे। कुछ लोगों ने पहले तो सोचा कि यह किसी प्रसिद्ध फिल्मी जोड़ी की मूर्ति है। एक राहगीर डॉन ने हंसते हुए कहा,

“पहले मुझे लगा ये फ्रेड एस्टेयर और जिंजर रोजर्स हैं, लेकिन पास जाकर देखा तो ट्रंप निकले!”

दरअसल, यह मूर्ति पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विवादित फाइनेंसर और दोषी सेक्स अपराधी जेफ्री एपस्टीन को हाथ में हाथ डाले डांस करते हुए दिखाती है। इस मूर्ति को एक अनजान आर्ट कलेक्टिव ने बनाया है, जो खुद को “द सीक्रेट हैंडशेक” (The Secret Handshake) कहता है।

कलात्मक विरोध या राजनीतिक संदेश?

यह विशाल मूर्ति लकड़ी, फोम और रेज़िन से बनी है, लेकिन इसे इस तरह रंगा गया है कि यह ब्रॉन्ज (कांस्य) की दिखे — बिल्कुल किसी सरकारी स्मारक की तरह। इस कलात्मक समूह ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह मूर्ति “फ्री स्पीच यानी अभिव्यक्ति की आज़ादी” का प्रतीक है।

मूर्ति के नीचे लगे एक पट्ट पर ट्रंप और एपस्टीन के बीच पुरानी जान-पहचान का ज़िक्र किया गया है। इसमें उन बयानों का भी उल्लेख है जो ट्रंप ने कभी एपस्टीन के जन्मदिन पर दिए थे। यह मूर्ति इस बात का प्रतीक है कि कला के ज़रिए कैसे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर संवाद शुरू किया जा सकता है।

पहले भी लग चुकी थी ट्रंप की मूर्ति

दिलचस्प बात यह है कि यह दूसरा मौका है जब ट्रंप की मूर्ति ने नेशनल मॉल पर लोगों का ध्यान खींचा। ठीक एक हफ्ते पहले एक और मूर्ति वहां लगाई गई थी जिसमें ट्रंप को एक विशाल बिटकॉइन पकड़े हुए दिखाया गया था। वह मूर्ति क्रिप्टो निवेशकों के एक समूह ने लगाई थी, जिन्होंने कहा था कि उनका उद्देश्य “सरकारी मुद्रा के भविष्य” पर चर्चा को बढ़ावा देना है।

मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

नई मूर्ति को लेकर लोगों की राय बंटी हुई नजर आई। कुछ लोगों को यह कला का शानदार उदाहरण लगी, तो कुछ को यह असहज कर गई। एक पर्यटक ने कहा,

“यह निश्चित रूप से बातचीत शुरू करने का तरीका है, लेकिन यह लंबे समय तक यहां नहीं टिकेगी।”

वहीं, जर्मनी से आई जूली ने हंसते हुए कहा,

“अच्छा हुआ हमने इसे देख लिया, मुझे नहीं लगता यह ज्यादा दिन यहां रहेगी।”

क्या ज्यादा देर टिकेगी यह मूर्ति?

“द सीक्रेट हैंडशेक” समूह ने नेशनल पार्क सर्विस में एक आधिकारिक अनुमति आवेदन दायर किया है ताकि यह मूर्ति महीने के अंत तक वहीं बनी रहे। आवेदन में लिखा गया है कि उनका उद्देश्य “राजनीतिक चित्रण का उपयोग करते हुए अभिव्यक्ति और कला की स्वतंत्रता को प्रदर्शित करना” है।

हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी इसे अनुमति देंगे या नहीं। लेकिन इतना तय है कि फिलहाल यह मूर्ति सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, और लोग इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

कला, राजनीति और आज़ादी का संगम

यह घटना अमेरिका में कला और राजनीति के रिश्ते पर फिर से बहस छेड़ देती है। चाहे आप इसे कला का प्रतीक मानें या राजनीतिक व्यंग्य, इस मूर्ति ने एक बात साफ कर दी — कला आज भी सवाल पूछने की सबसे ताकतवर भाषा है।

लेखक

  • नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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