03/05/2025

जोहो के श्रीधर वेम्बु अब मुख्य वैज्ञानिक, नया अध्याय शुरू

जोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीधर वेम्बु ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह खबर तकनीकी जगत में एक बड़े बदलाव का संकेत है। वेम्बु अब कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक के रूप में अपनी नई भूमिका निभाएंगे। इस परिवर्तन के साथ, जोहो एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, जहां अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

श्रीधर वेम्बु का नया कार्यभार

श्रीधर वेम्बु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बदलाव की घोषणा की। उन्होंने कहा, “आज एक नया अध्याय शुरू होता है। हमारे सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों और अवसरों को देखते हुए, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में हाल के प्रमुख विकास भी शामिल हैं, यह निर्णय लिया गया है कि मुझे पूर्णकालिक रूप से अनुसंधान और विकास पहलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

वेम्बु ने आगे कहा, “मैं जोहो कॉर्प के सीईओ पद से हट रहा हूं और मुख्य वैज्ञानिक की नई भूमिका ले रहा हूं, जो गहन अनुसंधान और विकास पहलों के लिए जिम्मेदार होगी। साथ ही, मैं अपने व्यक्तिगत ग्रामीण विकास मिशन को भी आगे बढ़ाऊंगा।”

जोहो में नेतृत्व परिवर्तन

इस बदलाव के साथ, जोहो के सह-संस्थापक शैलेश कुमार दावे नए समूह सीईओ के रूप में कार्यभार संभालेंगे। कंपनी के अन्य प्रमुख नेतृत्व परिवर्तनों में शामिल हैं:

  1. टोनी थॉमस (सह-संस्थापक) – जोहो यूएस का नेतृत्व करेंगे
  2. राजेश गणेशन – मैनेजइंजन डिवीजन का नेतृत्व करेंगे
  3. मणि वेम्बु – जोहो.कॉम डिवीजन का नेतृत्व करेंगे

अनुसंधान और विकास पर नया फोकस

श्रीधर वेम्बु ने इस बात पर जोर दिया कि जोहो का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वे अनुसंधान और विकास की चुनौतियों का कितनी अच्छी तरह से सामना करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी नई जिम्मेदारी को ऊर्जा और उत्साह के साथ स्वीकार कर रहा हूं। मुझे तकनीकी काम में वापस आकर बहुत खुशी हो रही है।”

यह कदम जोहो की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य तकनीकी नवाचार में अग्रणी बने रहना है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के युग में, अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण हो गया है।

जोहो का सफर और श्रीधर वेम्बु का योगदान

जोहो कॉर्पोरेशन की स्थापना 1996 में हुई थी। तब से, यह कंपनी एक छोटे स्टार्टअप से विकसित होकर एक वैश्विक तकनीकी दिग्गज बन गई है। श्रीधर वेम्बु के नेतृत्व में, जोहो ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं:

  1. 50 से अधिक एप्लिकेशन का विकास
  2. 150 से अधिक देशों में व्यवसाय
  3. 80 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता
  4. बूटस्ट्रैप्ड व्यवसाय मॉडल का सफल कार्यान्वयन

वेम्बु की दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने जोहो को एक अग्रणी सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) कंपनी के रूप में स्थापित किया है।

ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता

श्रीधर वेम्बु केवल एक सफल उद्यमी ही नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण विकास के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने गृह राज्य तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कई पहल की हैं। उनका मानना है कि प्रौद्योगिकी का लाभ गांवों तक पहुंचना चाहिए।

वेम्बु ने कहा, “मेरा व्यक्तिगत ग्रामीण विकास मिशन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मैं इस नई भूमिका में भी इस मिशन को जारी रखूंगा।”

भारतीय तकनीकी उद्योग पर प्रभाव

श्रीधर वेम्बु के इस फैसले का भारतीय तकनीकी उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। जोहो जैसी कंपनियां भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। वेम्बु के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करने से, भारतीय तकनीकी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय स्टार्टअप्स और तकनीकी कंपनियों के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह दिखाता है कि कैसे सफल उद्यमी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समाज के लिए भी योगदान दे सकते हैं।

चुनौतियां और अवसर

जोहो के लिए यह परिवर्तन कुछ चुनौतियां भी लेकर आ सकता है। नए नेतृत्व को कंपनी की संस्कृति और मूल्यों को बनाए रखते हुए विकास की गति को बरकरार रखना होगा। हालांकि, यह बदलाव कई नए अवसर भी प्रदान करता है:

  1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग में नवाचार
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी विकास
  3. वैश्विक बाजार में भारतीय तकनीकी कंपनियों की स्थिति को मजबूत करना

भविष्य की संभावनाएं

श्रीधर वेम्बु के नेतृत्व में जोहो ने जो सफलता हासिल की है, वह भारतीय तकनीकी उद्योग के लिए एक प्रेरणा है। उनका यह नया कदम दिखाता है कि कैसे सफल उद्यमी अपने व्यवसाय को नए ऊंचाइयों तक ले जाने के साथ-साथ समाज के लिए भी योगदान दे सकते हैं।

जोहो के भविष्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकते हैं:

  1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित समाधान
  2. क्लाउड कंप्यूटिंग में नवाचार
  3. साइबर सुरक्षा उत्पाद
  4. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष सॉफ्टवेयर समाधान

श्रीधर वेम्बु का जोहो के सीईओ पद से इस्तीफा एक महत्वपूर्ण घटना है जो न केवल कंपनी के लिए, बल्कि पूरे भारतीय तकनीकी उद्योग के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। उनका अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय दिखाता है कि भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए कितनी तैयार हैं।

जैसे-जैसे जोहो इस नए चरण में प्रवेश करता है, यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी किस तरह से विकसित होती है और भारतीय तकनीकी क्षेत्र पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। श्रीधर वेम्बु की यात्रा और उनका दृष्टिकोण निश्चित रूप से कई युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

    View all posts

नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं