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शेरिल सैंडबर्ग Controversy: $13,000 Lingerie खरीद का आरोप

शेरिल सैंडबर्ग Controversy: $13,000 Lingerie खरीद का आरोप

शेरिल सैंडबर्ग, फेसबुक (वर्तमान में मेटा) की पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ), एक नवीन विवाद में केंद्र में हैं। एक प्रकाशित पुस्तक में किए गए महत्वपूर्ण खुलासों ने सोशल मीडिया क्षेत्र में चर्चा उत्पन्न की है। इस विवाद के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत है।

मुख्य बिंदु:

  1. शेरिल सैंडबर्ग पर $13,000 की अंतर्वस्त्र खरीदने का आरोप
  2. पूर्व कर्मचारी सारा विन-विलियम्स की किताब में खुलासा
  3. मेटा ने आरोपों को खारिज किया, कहा – पुरानी और निराधार बातें

विस्तृत रिपोर्ट

शेरिल सैंडबर्ग पर गंभीर आरोप

फेसबुक की पूर्व सीओओ शेरिल सैंडबर्ग पर एक यूरोप यात्रा के दौरान अपने लिए और अपनी 26 वर्षीय सहायक के लिए $13,000 (लगभग ₹10 लाख) की अंतर्वस्त्र (Lingerie) खरीदने का आरोप लगाया गया है। यह दावा सारा विन-विलियम्स की नई किताब “केयरलेस पीपल: ए कॉशनरी टेल ऑफ पावर, ग्रीड, एंड लॉस्ट आइडियलिज्म” में किया गया है।

किताब में क्या है?

  1. सारा विन-विलियम्स ने अपनी किताब में लिखा है कि यूरोप की एक लंबी कार यात्रा के दौरान सैंडबर्ग और उनकी सहायक बारी-बारी से एक-दूसरे की गोद में आराम करती थीं और एक-दूसरे के बालों में उंगलियां फेरती थीं।
  2. किताब में यह भी दावा किया गया है कि सैंडबर्ग ने विन-विलियम्स को दोनों के लिए अंतर्वस्त्र खरीदने का निर्देश दिया था, जिसका बिल $13,000 तक पहुंच गया।
  3. एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए विन-विलियम्स ने लिखा है कि एक निजी जेट में सैंडबर्ग ने अपनी सहायक को “बिस्तर पर आने” के लिए आमंत्रित किया था।

मार्क जुकरबर्ग पर भी आरोप

किताब में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग पर भी कई आरोप लगाए गए हैं:

  1. जुकरबर्ग को एक कोडिंग-उन्मुख इंजीनियर से राजनीति और जनता के प्यार पर ध्यान केंद्रित करने वाले नेता के रूप में चित्रित किया गया है।
  2. एक घटना का उल्लेख किया गया है जहां जुकरबर्ग ने कथित तौर पर राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन की प्रशंसा की थी, जिन्हें भारतीय निष्कासन अधिनियम लागू करने के लिए कुख्यात माना जाता है।
  3. किताब में दावा किया गया है कि जुकरबर्ग ने एक एशिया दौरे के दौरान इंडोनेशिया में एक मिलियन से अधिक लोगों की भीड़ को “धीरे से घेरने” की व्यवस्था करने का काम विन-विलियम्स को सौंपा था।

मेटा का जवाब

मेटा के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने इन आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हुए एक विस्तृत बयान जारी किया:

  1. “यह कंपनी के बारे में पुरानी और पहले से रिपोर्ट की गई बातों का मिश्रण है और हमारे वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में झूठे और निराधार आरोप हैं। हम इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हैं।”
  2. प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से दावा किया कि सारा विन-विलियम्स को लगभग 8 साल पहले लगातार खराब प्रदर्शन, कार्यस्थल पर विषाक्त व्यवहार और कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने के कारण निकाल दिया गया था।
  3. मेटा का दृढ़ कथन है कि उस समय की एक व्यापक आंतरिक जांच में पाया गया था कि विन-विलियम्स ने उत्पीड़न के भ्रामक और पूरी तरह से निराधार आरोप लगाए थे, जिनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था।
  4. प्रवक्ता ने यह भी कहा, “तब से, हमारी जानकारी के अनुसार, उन्हें फेसबुक-विरोधी कार्यकर्ताओं और प्रतिस्पर्धी कंपनियों द्वारा भुगतान किया जा रहा है और यह पुस्तक उस निरंतर दुर्भावनापूर्ण अभियान का सिर्फ एक और उदाहरण है। हम इस तरह के झूठे और भ्रामक दावों का दृढ़ता से विरोध करते हैं।”

मेटा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विश्लेषण और प्रभाव

  1. कॉर्पोरेट संस्कृति पर सवाल: यह विवाद बड़ी तकनीकी कंपनियों की कार्य संस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इसमें कर्मचारियों के व्यवहार, नैतिक मूल्यों और व्यावसायिक प्रथाओं की समीक्षा शामिल है। यह मामला उच्च स्तरीय अधिकारियों के आचरण और उनके द्वारा निर्धारित मानकों पर भी प्रकाश डालता है।
  2. महिला नेतृत्व पर असर: शेरिल सैंडबर्ग को अक्सर महिला सशक्तिकरण की प्रतीक माना जाता था। इस तरह के आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह घटना महिला नेतृत्व के प्रति धारणाओं को प्रभावित कर सकती है और कॉर्पोरेट जगत में महिलाओं के लिए अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
  3. मेटा की साख पर प्रभाव: यह विवाद मेटा (पूर्व में फेसबुक) की छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है, जो पहले से ही कई विवादों से घिरी हुई है। इससे कंपनी के शेयर मूल्य, उपभोक्ता विश्वास और नियामक जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह मामला मेटा के भविष्य के व्यावसायिक संबंधों और साझेदारियों को भी प्रभावित कर सकता है।
  4. कॉर्पोरेट जवाबदेही: यह मामला बड़ी कंपनियों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर देता है। इससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मुद्दे सामने आते हैं और यह दर्शाता है कि कैसे उच्च स्तरीय अधिकारियों के कार्यों की निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है। यह निवेशकों और हितधारकों के लिए अधिक पारदर्शिता की मांग को भी बढ़ा सकता है।
  5. व्हिसलब्लोअर संरक्षण: विन-विलियम्स के अनुभव से यह सवा

ये आरोप सिलिकॉन वैली की कॉर्पोरेट संस्कृति पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाते हैं, जिसमें कार्यस्थल पर व्यवहार, नैतिकता और पारदर्शिता के मुद्दे शामिल हैं। इस तरह के आरोप तकनीकी उद्योग में महिला नेतृत्व और लैंगिक समानता के प्रयासों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। मेटा द्वारा इन आरोपों का खंडन किए जाने के बावजूद, यह विवाद कंपनी की प्रतिष्ठा पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे निवेशकों और उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो सकता है। आगामी समय में इस मामले के परिणाम, संभावित कानूनी कार्यवाही, और इसके व्यापक प्रभावों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा। यह घटना कॉर्पोरेट जवाबदेही और नैतिक नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करती है।

लेखक

  • नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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