पुणे में e-waste से बन रही हैं eco-friendly e-साइकिल
02/08/2025
पुणे की अनोखी पहल: कचरे से बनाई जा रही है ई-साइकिल, ब्रिक-टू-व्हील प्रोजेक्ट से मिल रहा है रोजगार

पुणे की अनोखी पहल: कचरे से बनाई जा रही है ई-साइकिल, ब्रिक-टू-व्हील प्रोजेक्ट से मिल रहा है रोजगार

नलिनी मिश्रा
Author Name:
Published on: 22/07/2025

आज के डिजिटल युग में e-waste यानी इलेक्ट्रॉनिक कचरा एक बड़ी समस्या बन गया है। पुराने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी e-waste को एक संसाधन में बदला जा सकता है? पुणे में ब्रिक-टू-व्हील (Brick-to-Wheel) नामक एक अनोखी पहल के तहत e-waste से eco-friendly e-साइकिल बनाई जा रही हैं, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रही हैं बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।

ब्रिक-टू-व्हील पहल: एक परिचय

ब्रिक-टू-व्हील पहल पुणे के एक स्टार्टअप द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य e-waste को recycle करके उसे उपयोगी उत्पादों में बदलना है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब एक ग्रुप ऑफ इंजीनियर्स ने e-waste से बैटरी-पावर्ड साइकिल बनाने का विचार रखा। आज, यह प्रोजेक्ट न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहा है बल्कि स्थानीय कारीगरों और इंजीनियर्स को नौकरियां भी प्रदान कर रहा है।

प्रोजेक्ट का काम करने का तरीका

इस प्रोजेक्ट में e-waste को कई चरणों में recycle किया जाता है:

  1. कलेक्शन: पुणे के विभिन्न हिस्सों से e-waste को इकट्ठा किया जाता है।
  2. सॉर्टिंग: इकट्ठा किए गए e-waste को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है।
  3. डिसमेंटलिंग: प्रशिक्षित तकनीशियन e-waste को अलग-अलग पार्ट्स में तोड़ते हैं।
  4. रीयूज़: उपयोगी पार्ट्स जैसे मोटर, बैटरी और सर्किट बोर्ड को e-साइकिल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  5. असेंबलिंग: अंत में, इन पार्ट्स को जोड़कर e-साइकिल बनाई जाती है।

E-waste से E-साइकिल बनाने के फायदे

ब्रिक-टू-व्हील प्रोजेक्ट कई तरह से फायदेमंद है:

पर्यावरण संरक्षण

E-waste अक्सर लैंडफिल में फेंक दिया जाता है, जहां इससे हानिकारक केमिकल्स निकलकर मिट्टी और पानी को दूषित करते हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से:

  • हर साल सैकड़ों टन e-waste का पुनर्चक्रण किया जा रहा है
  • कार्बन फुटप्रिंट में कमी आ रही है
  • नेचुरल रिसोर्सेज की बचत हो रही है

आर्थिक लाभ

इस प्रोजेक्ट से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है:

  • 50 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है
  • स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिल रहा है
  • अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन ऑप्शन उपलब्ध हो रहा है

E-साइकिल की विशेषताएं और कीमत

ब्रिक-टू-व्हील प्रोजेक्ट द्वारा बनाई गई e-साइकिल में कई आधुनिक फीचर्स हैं:

  • बैटरी लाइफ: एक बार चार्ज करने पर 40-50 किमी तक चलती है
  • स्पीड: अधिकतम स्पीड 25 किमी प्रति घंटा
  • चार्जिंग टाइम: 3-4 घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाती है
  • एक्स्ट्रा फीचर्स: मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, LED लाइट्स, और डिजिटल स्पीडोमीटर

इन e-साइकिल की कीमत 15,000 से 25,000 रुपये के बीच है, जो कि मार्केट में उपलब्ध अन्य e-साइकिल से काफी कम है। इसका मुख्य कारण यह है कि इनमें recycled पार्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है।

भविष्य की योजनाएं

ब्रिक-टू-व्हील टीम के अनुसार, उनकी भविष्य की योजनाएं हैं:

  • प्रोडक्शन को बढ़ाकर हर महीने 100 e-साइकिल तक पहुंचाना
  • अन्य शहरों में भी इस मॉडल को एक्सपैंड करना
  • E-स्कूटर और अन्य eco-friendly व्हीकल्स बनाना शुरू करना
  • स्कूलों और कॉलेजों में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाना

पुणे का ब्रिक-टू-व्हील प्रोजेक्ट एक इनोवेटिव और सस्टेनेबल सोल्यूशन है जो e-waste जैसी एक बड़ी समस्या का समाधान प्रदान करता है। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करता है बल्कि लोगों को रोजगार भी देता है। ऐसे प्रोजेक्ट्स हमें दिखाते हैं कि कैसे वेस्ट को रिसोर्स में बदला जा सकता है और सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर बढ़ा जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को उपलब्ध स्रोतों से सत्यापित करें।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं