
Published on: 06/07/2025
पटना में शुक्रवार देर रात एक चौंकाने वाली घटना में बिहार के प्रतिष्ठित उद्योगपति गोपाल खेमका की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह दुःखद घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास हुई, जो थाने से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। खेमका को सिर में गोली मारी गई, जिसके बाद परिजन तुरंत उन्हें मेडिवर्सल अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस को इस हत्याकांड का सुराग मिल चुका है। जांच में बेउर सेंट्रल जेल का कनेक्शन सामने आया है, जिसके बाद आईजी जितेंद्र राणा के नेतृत्व में वहां छापेमारी की गई। अधिकारी जेल में बंद कुछ अपराधियों और शूटरों से पूछताछ कर रहे हैं।
7 साल पहले बेटे की भी हुई थी हत्या
यह अकेली घटना नहीं है। लगभग 7 साल पहले, 2018 में, गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर में उनकी फैक्ट्री के बाहर इसी तरह हत्या कर दी गई थी। एक भूमि विवाद के चलते उनकी हत्या हुई थी। गुंजन की हत्या के बाद गोपाल खेमका को सुरक्षा प्रदान की गई थी, जिसे अप्रैल 2024 में वापस ले लिया गया था। सुरक्षा हटने के बाद खेमका ने दोबारा सुरक्षा की मांग नहीं की थी।
घटनास्थल से एक गोली और एक कारतूस बरामद किया गया है। फॉरेंसिक टीम मौके की जांच कर रही है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुरानी रंजिश का मामला सामने आया है। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसमें स्पेशल टास्क फोर्स और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। कुछ तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे पुलिस जल्द ही हत्यारों तक पहुंचने का दावा कर रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हत्याकांड के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने मामले की जल्द जांच पूरी करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन को खुली छूट दी गई है। पाताल में भी अगर अपराधी छिपे होंगे तो उन्हें खींचकर लाया जाएगा। अब सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं होगी, जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर और बुलडोजर की कार्रवाई भी की जाएगी।”
विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने इसे ‘जंगलराज’ की वापसी बताया है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर चुनावी साल में यह मुद्दा गरमा सकता है।
अंतिम संस्कार
जानकारी के अनुसार, गोपाल खेमका की बेटी के लंदन से आने के बाद रविवार को उनका अंतिम संस्कार गुलाबी घाट पर किया जाएगा। व्यापारी समुदाय में इस घटना से दहशत का माहौल है, और न्याय की मांग जोर पकड़ रही है।
यह हत्याकांड न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि पूरे राज्य की कानून व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न भी है। पुलिस और प्रशासन पर अब हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने का दबाव है, ताकि आम नागरिकों और विशेषकर व्यापारियों में सुरक्षा का भाव बहाल हो सके।