
Published on: 06/09/2025
Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष 7 सितंबर, रविवार से शुरू हो रहा है। इस पावन समय में पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी प्रसन्नता के लिए दान-पुण्य को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान वस्त्र, छतरी, काले तिल, गुड़-नमक, चावल, दूध और चांदी का दान विशेष फल देता है। इससे पितरों की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि व शांति आती है। आइए आसान तरीके से समझें—कौन-सा दान क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व है।
पितृपक्ष 7 सितंबर, रविवार से आरंभ हो रहा है। इस अवधि में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और दान-पुण्य करते हैं। माना जाता है कि पितृपक्ष में किया गया दान और पुण्य कार्य पितरों को प्रसन्न करता है और जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि लाता है।
पितृपक्ष में दान-पुण्य करने से पूर्वजों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आस्था है कि इससे जीवन की कठिनाइयाँ कम होती हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस अवधि में किए गए पुण्य कर्म से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
वस्त्र दान (दुपट्टा–धोती): गरुड़ पुराण और अन्य शास्त्रों के अनुसार पितरों के लिए वस्त्र का दान अत्यंत लाभकारी माना गया है। पितृपक्ष में दुपट्टा और धोती का दान करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और इसके प्रभाव से खुशहाली और समृद्धि आती है।

वस्त्र दान (दुपट्टा–धोती)-File Photo
छतरी का दान: धार्मिक मान्यता के अनुसार पितरों के नाम पर छतरी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन की कई बाधाएँ दूर मानी जाती हैं, घर में सुकून आता है और परिवार में शांति बनी रहती है।

छतरी का दान (File Photo)
काले तिल का दान: श्राद्ध कर्म में काले तिल का विशेष महत्व बताया गया है। पितरों की तृप्ति के लिए काले तिल का दान अवश्य करना चाहिए। यदि अन्य वस्तुएँ दान न कर पाएं, तब भी केवल काले तिल का दान अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।

काले तिल का दान (File Photo)
गुड़ और नमक का दान: पितृपक्ष में यदि घर में झगड़े, समस्याएँ या आर्थिक तंगी हो, तो गुड़ और नमक का दान लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इससे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरती है, घर का माहौल सौहार्दपूर्ण होता है और पितरों की कृपा से जीवन में संतुलन आता है।

गुड़ और नमक का दान (File Photo)
चांदी, दूध और चावल का दान: पितृपक्ष में चांदी, दूध और चावल का दान भी अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सौभाग्य, सुख और शांति बनी रहती है।

चांदी, दूध और चावल का दान (file photo)
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को उपलब्ध स्रोतों से सत्यापित करें।