Published on: 22/06/2025
एनआईए की बड़ी कार्रवाई – दो गुनहगार शिकंजे में
22 अप्रैल 2025 का दिन पहलगाम की खूबसूरत वादियों में खून से रंग गया, जब आतंकियों ने 26 मासूम हिंदू पर्यटकों को बेरहमी से गोली मार दी और 16 अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह दिल दहला देने वाली वारदात सिर्फ एक हमला नहीं था, बल्कि इंसानियत पर सीधा हमला था। इस पहलगाम आतंकी हमले की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों आरोपी – परवेज अहमद जोथर (बटकोट) और बशीर अहमद जोथर (हिल पार्क) – वही लोग हैं जिन्होंने उन खूनी आतंकवादियों को शरण दी थी, जो पाकिस्तान से आए थे और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक संगठन से जुड़े थे।
कैसे दी गई आतंकियों को पनाह
जांच में सामने आया कि हमले से ठीक पहले इन दोनों ने हिल पार्क इलाके की एक मौसमी झोपड़ी में तीन हथियारबंद आतंकियों को छिपाया था। न सिर्फ छिपाया, बल्कि उन्हें खाना खिलाया, ठहरने की जगह दी और हमले की तैयारी में मदद भी की। ये वही आतंकी थे जिन्होंने धार्मिक पहचान के आधार पर निर्दोष पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया।
इन दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है और जांच अब और तेज़ कर दी गई है।
हमले ने भारत-पाक रिश्तों में और डाला ज़हर
इस नरसंहार ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और भी भड़का दिया। भारत ने इस हमले को “निर्मम और अमानवीय” बताया और सीधे पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया। पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी और सरकार पर कड़ा जवाब देने का दबाव बनने लगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का निर्णायक बदला
भारत ने इस नृशंस हमले का जवाब सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दिया। 7 मई 2025 को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रशिक्षण शिविरों को टारगेट किया गया। सिर्फ 25 मिनट में अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया, और उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन की गुहार लगाने पर मजबूर कर दिया।
🔴 ये सिर्फ चेतावनी है
यह हमला सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा को चुनौती देने की साजिश थी। एनआईए की जांच और भारत की जवाबी कार्रवाई इस बात का सबूत है कि देश अपने हर नागरिक की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पर अब वक्त है सतर्क रहने का, जागरूक रहने का – क्योंकि आतंकी चेहरे बदल सकते हैं, लेकिन उनकी नीयत नहीं।