दिल की बीमारियों को लेकर अक्सर हम कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और हाई ब्लड प्रेशर जैसी चीजों को जिम्मेदार मानते हैं। डॉक्टर भी बार-बार चेतावनी देते हैं कि खराब LDL कोलेस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों में जमकर एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) का कारण बनता है। इससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और दिल को पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही स्थिति आगे चलकर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी गंभीर दिक्कतों में बदल सकती है।
लेकिन अब एक नई रिसर्च ने बड़ा राज़ खोला है—दिल की सेहत केवल ब्लड फैट और कोलेस्ट्रॉल पर निर्भर नहीं करती, बल्कि मुंह की बदबू और बैक्टीरिया (Oral Health) का भी इसमें गहरा कनेक्शन है।
ओरल हेल्थ और हार्ट कनेक्शन
अक्सर लोग सोचते हैं कि मुंह की बदबू, मसूड़ों की सूजन या दांतों में कैविटी सिर्फ लोकल प्रॉब्लम है। लेकिन रिसर्च कहती है कि यह सीधे दिल पर असर डाल सकती है। जिन लोगों की ओरल हेल्थ खराब होती है, उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कहीं ज्यादा होता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में छपी इस रिसर्च को फिनलैंड और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया। इसमें पाया गया कि मुंह के बैक्टीरिया, खासकर Viridans Streptococci, हृदय की धमनियों में प्लाक जमा कर सकते हैं। यही प्लाक धीरे-धीरे ब्लॉकेज बनकर हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।
रिसर्च में क्या निकला सामने?
इस स्टडी में दो अलग-अलग ग्रुप्स के लोगों के हार्ट आर्टरीज का विश्लेषण किया गया।
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पहला समूह: 121 लोग, जिनकी अचानक अस्पताल के बाहर मौत हो गई थी।
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दूसरा समूह: 96 मरीज, जिनकी हार्ट सर्जरी की गई और जिनके सर्जिकल सैंपल लिए गए।
जांच में पाया गया कि लगभग आधे मामलों में मुंह के बैक्टीरिया का DNA मौजूद था। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि Viridans Streptococci नामक बैक्टीरिया 42% हार्ट प्लाक और 43% सर्जिकल सैंपल्स में पाया गया।
इससे साफ होता है कि खराब ओरल हेल्थ केवल दांतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीधे दिल की धड़कनों पर असर डालती है।
क्यों खतरनाक है Viridans Streptococci?
यह बैक्टीरिया आमतौर पर मुंह में पाया जाता है और दांतों में कैविटी या मसूड़ों की बीमारी (Gum Disease) की वजह बनता है। लेकिन जब यह खून में पहुंच जाता है तो धमनियों में सूजन (Inflammation) पैदा कर देता है। यही सूजन धीरे-धीरे प्लाक फॉर्मेशन में बदल जाती है और धमनियों को ब्लॉक कर देती है।
लंबे समय में यह ब्लॉकेज हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है।
कैसे बचें इस खतरे से?
यह रिसर्च हमें यह समझाती है कि दिल की सुरक्षा के लिए केवल डाइट कंट्रोल और एक्सरसाइज ही काफी नहीं है। मुंह की सफाई और दांतों का ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है।
विशेषज्ञों की मानें तो—
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दिन में कम से कम दो बार ब्रशिंग करना चाहिए।
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रोजाना फ्लॉसिंग से दांतों के बीच जमा बैक्टीरिया हटाए जा सकते हैं।
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हर 6 महीने में एक बार डेंटल चेकअप कराना चाहिए।
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मसूड़ों की सूजन, लगातार बदबू या दांत में दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इन छोटे-छोटे कदमों से न केवल आपका ओरल हेल्थ बेहतर होगा, बल्कि दिल की बीमारियों का जोखिम भी काफी हद तक कम हो सकता है।
नई रिसर्च ने साफ कर दिया है कि मुंह और दिल का रिश्ता जितना सोचा था, उससे कहीं ज्यादा गहरा है। अगर आप अपने हार्ट हेल्थ को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो सिर्फ जिम और हेल्दी डाइट पर ही भरोसा न करें—बल्कि अपने ब्रश और टूथपेस्ट से भी दोस्ती मजबूत करें।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को उपलब्ध स्रोतों से सत्यापित करें।