Published on: 16/01/2025
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। इस धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ डुबकी लगाने पहुंचेंगे। लेकिन इस बार महाकुंभ में एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी चर्चा का केंद्र बन गई है। यह कहानी है आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र और एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह की, जो अब “आईआईटी बाबा” के नाम से जाने जाते हैं।
आईआईटी से अध्यात्म तक का सफर
अभय सिंह ने अपनी शिक्षा भारत के प्रतिष्ठित आईआईटी खड़गपुर से पूरी की। वे एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पारंगत थे और उनका करियर संभावनाओं से भरा हुआ था। लेकिन अभय सिंह ने इस मार्ग को छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया। आज वे लोगों को अध्यात्म, योग और ध्यान के माध्यम से जीवन के गहरे अर्थ समझाने का कार्य कर रहे हैं।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उज्ज्वल भविष्य
आईआईटी खड़गपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करना अभय सिंह के लिए आसान नहीं था। वे पढ़ाई में बेहद कुशल थे और उनकी प्रतिभा ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। लेकिन उनकी आत्मा एक गहरे आध्यात्मिक अनुभव की खोज में थी, जिसे वे तकनीकी ज्ञान से पूरा नहीं कर पा रहे थे।
आध्यात्म की ओर पहला कदम
अभय सिंह ने बताया कि उनका झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था। लेकिन समाज और परिवार की अपेक्षाओं के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग को चुना। आईआईटी की कठिन पढ़ाई और प्रेशर के बावजूद, उनके मन में हमेशा यह सवाल रहता था कि “जीवन का असली मकसद क्या है?” इसी सवाल ने उन्हें अंततः आध्यात्म की ओर प्रेरित किया।
महाकुंभ में विशेष योगदान
महाकुंभ 2025 में आईआईटी बाबा का विशेष योगदान देखने को मिलेगा। वे श्रद्धालुओं को योग और ध्यान सिखाने के लिए विशेष सत्र आयोजित करेंगे। उनका उद्देश्य है कि लोग न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक शुद्धि का भी अनुभव कर सकें।
आध्यात्म और विज्ञान का संगम
अभय सिंह मानते हैं कि विज्ञान और आध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा, “एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ने मुझे सोचने की गहराई और समस्याओं का समाधान खोजने की कला सिखाई। यही ज्ञान आज मेरे आध्यात्मिक मार्ग में काम आता है।” वे ध्यान और योग के जरिए मानसिक शांति और आत्म-उन्नति की शिक्षा देते हैं।
आईआईटी बाबा की दिनचर्या
आईआईटी बाबा की दिनचर्या बेहद अनुशासित और सरल है। वे सुबह जल्दी उठकर ध्यान और योग करते हैं। इसके बाद वे लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान आध्यात्मिक दृष्टिकोण से करते हैं। उनका कहना है कि जीवन में अनुशासन और आत्म-संयम सबसे महत्वपूर्ण हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
आईआईटी बाबा की कहानी आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि जीवन में असली खुशी पाने के लिए जरूरी नहीं कि आप एक स्थापित करियर ही चुनें। अगर आपका मन किसी अन्य क्षेत्र में रमता है, तो उस दिशा में जाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि
आईआईटी बाबा आज सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। उनके ध्यान और योग से संबंधित वीडियो लाखों लोग देखते हैं। वे नई पीढ़ी को आध्यात्म के महत्व को समझाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं।
महाकुंभ 2025 में विशेष कार्यक्रम
महाकुंभ के दौरान आईआईटी बाबा ध्यान और योग के साथ-साथ जीवन के गहरे प्रश्नों पर प्रवचन देंगे। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह आत्मा को शुद्ध करने और अपने जीवन का उद्देश्य समझने का अवसर है।”
परिवार और समाज का समर्थन
अभय सिंह के इस परिवर्तन पर उनके परिवार और समाज की प्रतिक्रिया भी खास रही। उनके निर्णय को शुरू में परिवार ने संदेह की दृष्टि से देखा, लेकिन समय के साथ उन्होंने इसे स्वीकार किया। आज अभय सिंह न केवल अपने परिवार बल्कि लाखों लोगों के जीवन में प्रेरणा बन चुके हैं।
आईआईटी बाबा की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में केवल सफलता ही सब कुछ नहीं होती। आत्म-संतोष, शांति और जीवन का गहरा उद्देश्य समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। महाकुंभ 2025 में उनकी उपस्थिति न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा होगी, जो अपने जीवन के असली मकसद की तलाश में हैं।
- प्रश्न 1: आईआईटी बाबा कौन हैं?
उत्तर: आईआईटी बाबा, अभय सिंह, एक पूर्व एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, जिन्होंने आध्यात्मिक जीवन अपनाया। - प्रश्न 2: महाकुंभ 2025 कब और कहां है?
उत्तर: महाकुंभ 2025 प्रयागराज में आयोजित होगा। यह गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर होता है।