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लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमला, लोहे की पटरी से वार कर पहुंचाया ट्रॉमा सेंटर

लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर जान लेवा हमला

लखनऊ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके और वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर लखनऊ जेल में जानलेवा हमला किया गया। जानकारी के मुताबिक, एक बंदी ने उन पर लोहे की पटरी से कई बार वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें जेल अस्पताल ले जाया गया और बाद में इलाज के लिए केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट किया गया।

सिर पर गहरे जख्म, लगे 10 से ज्यादा टांके

जेल सूत्रों के मुताबिक, प्रजापति के सिर पर गहरे घाव आए हैं और उन्हें 10 से अधिक टांके लगे हैं। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। राहत की बात यह है कि उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं, जिस कैदी ने हमला किया, उसे जेल प्रशासन ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

विवाद से शुरू हुआ झगड़ा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब हमला करने वाला कैदी सफाई कर रहा था। इसी दौरान कथित तौर पर गायत्री प्रजापति और उस बंदी के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि प्रजापति ने अपशब्द कहे, जिसके बाद गुस्साए बंदी ने पास पड़ी लोहे की पटरी उठाई और उन पर वार कर दिया। अचानक हुए इस हमले से जेल में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा बल तुरंत सक्रिय हो गए।

सपा ने उठाए सुरक्षा पर सवाल

इस हमले के बाद समाजवादी पार्टी ने जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स (Twitter) पर लिखा—
“जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमले की खबर बेहद चिंताजनक है। जेल प्रशासन उन्हें तुरंत बेहतर इलाज उपलब्ध करवाए और सुरक्षा सुनिश्चित करे।”

कौन हैं गायत्री प्रजापति?

गायत्री प्रजापति उत्तर प्रदेश के अमेठी से आते हैं और अखिलेश यादव सरकार में खनन मंत्री रहे हैं। उनकी पहचान एक सशक्त नेता के रूप में रही है। हालांकि, फरवरी 2017 में उनकी राजनीतिक जमीन हिल गई, जब चित्रकूट की एक महिला ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।

किस केस में जेल पहुंचे प्रजापति?

महिला ने आरोप लगाया कि प्रजापति ने सालों पहले उसके साथ बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल किया। महिला का कहना था कि मंत्री ने पार्टी में पद दिलाने का झांसा दिया और दो साल तक शोषण करते रहे। जब केस दर्ज नहीं हुआ, तो महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 12 नवंबर 2021 को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तभी से वह लखनऊ जेल में बंद हैं।

जेल प्रशासन की बढ़ी जिम्मेदारी

इस हमले ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह से जेल के अंदर से हमला हुआ, उससे स्पष्ट है कि निगरानी में कमी रही। अब सवाल यह है कि पहले से हाई-प्रोफाइल कैदी माने जाने वाले गायत्री प्रजापति को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं मिली।

वर्तमान स्थिति

फिलहाल, गायत्री प्रजापति के इलाज पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। डॉक्टरों ने उन्हें निगरानी में रखा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वहीं, जेल प्रशासन ने हमलावर बंदी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को उपलब्ध स्रोतों से सत्यापित करें।

लेखक

  • नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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