झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का विशाल बजट पेश किया है, जिसे ‘अबुआ बजट‘ (Comprehensive Plan) का नाम दिया गया है। यह बजट राज्य के समग्र विकास और जनकल्याण पर केंद्रित है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
झारखंड Budget 2025 की प्रमुख विशेषताएं:
- कुल बजट आवंटन: 1,45,400 करोड़ रुपये
- राजस्व व्यय: 1,10,636.70 करोड़ रुपये
- योजना और विकास बजट: 91,741.52 करोड़ रुपये (कुल बजट का 50%)
- अनुमानित राजस्व: 61,056.12 करोड़ रुपये
- राजकोषीय घाटा: 11,253 करोड़ रुपये
शिक्षा और स्वास्थ्य:
शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, जिसके लिए 15,198.35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के लिए 2,409.20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग को 7,470.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कृषि और ग्रामीण विकास:
कृषि क्षेत्र के लिए 4,587.66 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास के लिए 9,841.41 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें 4 लाख किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने के लिए 769 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह कदम राज्य के किसानों को राहत प्रदान करेगा और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
बुनियादी ढांचा विकास:
बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। इसमें शामिल हैं:
- 1200 किलोमीटर से अधिक सड़कों का उन्नयन
- 10 उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण (रेलवे ओवरब्रिज और फ्लाइओवर सहित)
- मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 70 पुलों का निर्माण
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2500 किलोमीटर पथ और 200 पुलों का निर्माण
- मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सुदृढीकरण योजना के तहत 15,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण
सड़क निर्माण विभाग को 5,900.89 करोड़ रुपये और शहरी विकास और आवास विभाग के लिए 3,577.68 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।
महिला सशक्तीकरण और सामाजिक सुरक्षा:
महिला और बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए 22,023 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें ‘माईआन योजना’ के तहत 13,363.35 करोड़ रुपये शामिल हैं, जिसके अंतर्गत 58 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपये दिए जाएंगे। यह योजना महिला सशक्तीकरण और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विमानन और पर्यटन:
राज्य सरकार ने विमानन क्षेत्र के विकास पर भी ध्यान दिया है:
- साहिबगंज में घरेलू हवाई अड्डा और एयर कार्गो हब का निर्माण
- प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं
- एयर एंबुलेंस योजना में 50% की कटौती
नागर विमानन विभाग के लिए 115.19 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। पर्यटन विभाग के लिए 336.64 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो राज्य के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
आर्थिक विकास का लक्ष्य:
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में राज्य की अर्थव्यवस्था के 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2029-30 तक राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाए, जिसके लिए प्रति वर्ष 14.2% की औसत वृद्धि दर आवश्यक होगी।
चुनौतियां और आलोचना:
हालांकि बजट में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं, फिर भी कुछ चुनौतियां और आलोचनाएं सामने आई हैं:
- राजकोषीय घाटा: 11,253 करोड़ रुपये का अनुमानित राजकोषीय घाटा चिंता का विषय है।
- राजस्व संग्रह: 61,056.12 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- विपक्ष की आलोचना: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बजट को “प्राण विहीन” और “ताकत विहीन” बताया है।
झारखंड का बजट 2025-26 राज्य के समग्र विकास और जनकल्याण पर केंद्रित है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में किए गए प्रावधान राज्य के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हालांकि, राजकोषीय घाटे और राजस्व संग्रह जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा। सरकार को इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने पर ध्यान देना होगा ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके और आम जनता को इसका लाभ मिल सके।