Published on: 18/06/2025
मध्य-पूर्व में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है। बुधवार की सुबह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल के खिलाफ औपचारिक रूप से युद्ध का ऐलान कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश में खामेनेई ने लिखा, “हैदर के नाम पर जंग शुरू होती है। हम आतंकी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देंगे।”
इस घोषणा के तुरंत बाद, ईरान ने इजरायल के विभिन्न शहरों पर करीब 25 मिसाइलें दाग दीं। जवाबी कार्रवाई में, इजरायली वायु सेना ने तेहरान की रिफाइनरियों और तेल डिपो पर हमले किए। ताजा खबरों के अनुसार, ईरान ने अब अपनी उन्नत ‘फत्ताह’ मिसाइलों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
‘फत्ताह’ मिसाइलें: ध्वनि की गति से पांच गुना तेज
‘फत्ताह’ मिसाइलें: ध्वनि की गति से पांच गुना तेज (File Photo)
ईरानी मीडिया के अनुसार, ‘फत्ताह’ मिसाइलें एक ‘हाइपरसोनिक’ मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से पांच गुना (करीब 6,100 किलोमीटर प्रति घंटा) तेज चलती हैं और लक्ष्य को बेहद सटीकता से भेद सकती हैं। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने दावा किया है कि उन्होंने “ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस 3” की 11वीं वेव के तहत इजरायल पर हमला किया है और इजरायली आकाश पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
इजरायल का “राइजिंग लॉयन” ऑपरेशन
इज़रायली सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि वे अब “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” चला रहे हैं और ईरान की परमाणु, बैलिस्टिक और कमांड क्षमताओं पर हमले कर रहे हैं। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि ईरान की एक परमाणु सुविधा पर हमला किया गया है, हालांकि विस्तृत जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने कहा है कि वायु सेना ने तेहरान क्षेत्र में हमलों की एक नई लहर शुरू कर दी है। ईरान का दावा है कि उसने तेल अवीव में एक प्रमुख खुफिया केंद्र को निशाना बनाया है, जबकि इजरायल ने पुष्टि की है कि उसके नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं।
नागरिकों को चेतावनियां
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के नागरिकों को चेतावनी जारी की है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने हिब्रू भाषा में एक बयान जारी कर तेल अवीव के उत्तरी हिस्से को तुरंत खाली करने की चेतावनी दी है। जवाब में, इजरायली सेना ने फारसी भाषा में एक समान चेतावनी जारी करके तेहरान के कुछ हिस्सों से लोगों को निकलने का आग्रह किया है। दोनों देशों की चेतावनियों में एक-दूसरे के समान नक्शे का इस्तेमाल किया गया है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया और ट्रंप का संकेत
अमेरिका ने यरूशलेम में अपना दूतावास तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए और इजरायल होम फ्रंट कमांड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, यरूशलेम में अमेरिकी दूतावास बुधवार, 18 जून से शुक्रवार, 20 जून तक बंद रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर सकता है। ट्रंप का दावा है कि “हमें पता है कि खामेनेई कहां छुपा है” और “अमेरिका का ईरान के एयरस्पेस पर पूर्ण नियंत्रण हो चुका है।” ट्रंप के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है कि अमेरिका इस संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप कर सकता है।
वैश्विक प्रभाव
मध्य-पूर्व में इस तनाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाला है। तेल की कीमतों में उछाल आया है और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव को कम करने का आह्वान कर रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर इस संघर्ष को जल्द नहीं रोका गया, तो यह पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र में फैल सकता है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा उत्पन्न हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई जा सकती है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अमेरिका पर टिकी हैं कि वह इस संकट में क्या भूमिका निभाएगा और क्या ट्रंप प्रशासन ईरान के परमाणु ठिकानों पर सीधा हमला करने का फैसला लेगा। यदि ऐसा होता है, तो यह स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है, जिससे पूरे विश्व को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।