भारत में वैरिकोज वेन्स का बढ़ता प्रकोप: कारण और उपचार
02/08/2025
भारत में बढ़ रहा है वैरिकोज वेन्स का खतरा: जानिए क्यों और कैसे बचें इस समस्या से

भारत में बढ़ रहा है वैरिकोज वेन्स का खतरा: जानिए क्यों और कैसे बचें इस समस्या से

नलिनी मिश्रा
Author Name:
Published on: 17/07/2025

वैरिकोज वेन्स क्या है?

वैरिकोज वेन्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें नसें मोटी, टेढ़ी-मेढ़ी और फूली हुई दिखाई देती हैं। आमतौर पर यह समस्या पैरों में होती है, जहां नसों के वाल्व कमजोर होने से रक्त वापस हृदय की ओर ठीक से नहीं जा पाता और नसों में जमा हो जाता है। भारत में वैरिकोज वेन्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में यह समस्या क्यों बढ़ रही है, इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

भारत में वैरिकोज वेन्स के बढ़ते मामलों के कारण

जीवनशैली में बदलाव

भारत में वैरिकोज वेन्स का प्रकोप बढ़ने का एक प्रमुख कारण लोगों की बदलती जीवनशैली है। आधुनिक समय में:

  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़े रहने वाले पेशे जैसे शिक्षक, सुरक्षा गार्ड, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स
  • बैठकर काम करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि
  • शारीरिक गतिविधियों में कमी
  • मोटापे में वृद्धि

व्यावसायिक जोखिम

भारतीय अध्ययनों के अनुसार, मैनुअल लेबर और अन्य श्रमिक वर्ग में वैरिकोज वेन्स के मामले अधिक देखे गए हैं। दिन में 6-7 घंटे खड़े रहकर काम करने वाले लोगों में इस समस्या का खतरा 50% तक बढ़ जाता है।

आयु और लिंग कारक

  • 40-60 वर्ष की आयु वर्ग में सबसे अधिक मामले
  • भारत में कुछ अध्ययनों के अनुसार पुरुषों में यह समस्या अधिक पाई गई है
  • विश्व स्तर पर महिलाओं में अधिक प्रचलित (2-73% महिलाएं बनाम 2-56% पुरुष)

आनुवंशिक कारक

  • वैरिकोज वेन्स का फैमिली हिस्ट्री होना
  • FOXC2, TM और C677T MTHFR जीन्स का संबंध वैरिकोज वेन्स से पाया गया है

वैरिकोज वेन्स के लक्षण और जटिलताएं

प्रमुख लक्षण

वैरिकोज वेन्स के रोगियों में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं:

  • पैरों में दर्द और भारीपन
  • सूजन और खुजली
  • त्वचा पर अल्सर (57.6% भारतीय मरीजों में)
  • नसों का उभरकर दिखना
  • पैरों में थकान और ऐंठन

जटिलताएं

अगर समय पर इलाज न किया जाए तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं:

  • एक्जिमा (27.1% केस)
  • नॉन-हीलिंग अल्सर (12.3% केस)
  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस (5.9% केस)
  • सेल्युलाइटिस (9.4% केस)
  • त्वचा में रंग परिवर्तन

डायग्नोसिस और इलाज के विकल्प

निदान के तरीके

  • डॉपलर अल्ट्रासाउंड (70.6% केस में प्रयोग)
  • डुप्लेक्स कलर फ्लो इमेजिंग
  • फिजिकल एग्जामिनेशन

वैरिकोज वेन्स के इलाज के विकल्प

कंजर्वेटिव मैनेजमेंट

  • कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनना (21.2% केसेज)
  • पैरों को ऊपर उठाकर रखना (29.4% केसेज)
  • वजन कम करना
  • नियमित व्यायाम

मेडिकल ट्रीटमेंट

  • माइक्रोनाइज्ड प्योरिफाइड फ्लैवोनॉइड फ्रैक्शन (8.8% केसेज)
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां

सर्जिकल ऑप्शन्स

  • सैफेनस वेन स्ट्रिपिंग (23.5% केसेज)
  • एंडोवेनस लेजर ट्रीटमेंट
  • स्क्लेरोथेरेपी
  • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन

भारत में वैरिकोज वेन्स के लिए बेस्ट डॉक्टर्स और अस्पताल

भारत में कई प्रसिद्ध वैस्कुलर सर्जन हैं जो वैरिकोज वेन्स के इलाज में विशेषज्ञता रखते हैं। कुछ प्रमुख अस्पताल जहां इसका बेहतरीन इलाज किया जाता है:

  • दिल्ली: अपोलो अस्पताल, एम्स, फोर्टिस
  • मुंबई: जसलोक अस्पताल, ब्रीच कैंडी अस्पताल
  • बेंगलुरु: मणिपाल अस्पताल, नारायणा हेल्थ
  • चेन्नई: अपोलो अस्पताल, ग्लोबल हॉस्पिटल्स

वैरिकोज वेन्स से बचाव के उपाय

वैरिकोज वेन्स से बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • लंबे समय तक खड़े या बैठे न रहें
  • नियमित व्यायाम करें, विशेषकर पैरों के लिए
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • ऊंची एड़ी के जूते से बचें
  • कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स का उपयोग करें
  • पर्याप्त पानी पिएं

भारत में वैरिकोज वेन्स एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है, जिसके बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है। लंबे समय तक खड़े रहने वाले पेशों में काम करने वाले लोगों, विशेषकर मैनुअल लेबर और उन लोगों को जिनके परिवार में यह समस्या रही है, उन्हें अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। समय पर निदान और उचित इलाज से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है और जटिलताओं से बचा जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को उपलब्ध स्रोतों से सत्यापित करें।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं