02/05/2025

ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे की सीईओ करिश्मा मेहता ने फ्रीज किए अंडे

ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे की 32 वर्षीय संस्थापक और सीईओ करिश्मा मेहता ने हाल ही में एक बड़ा निजी निर्णय लिया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया कि उन्होंने जनवरी 2025 की शुरुआत में अपने अंडे फ्रीज करवाए हैं। यह खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और करियर विकल्पों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है।

करिश्मा मेहता का बड़ा कदम: 32 साल में अंडे फ्रीजिंग

करिश्मा मेहता : ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे की सीईओ

करिश्मा मेहता का निर्णय: पृष्ठभूमि और प्रेरणा

करिश्मा मेहता ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “मैं काफी समय से यह करना चाहती थी और आखिरकार इसे पूरा कर लिया। मैंने महीने की शुरुआत में अपने अंडे फ्रीज करवाए।” उन्होंने यह भी बताया कि यह उनकी बकेट लिस्ट में से एक था, जिसे उन्होंने पूरा कर लिया है।

इस निर्णय के पीछे की प्रेरणा स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह आधुनिक युवा पेशेवर महिलाओं के बीच एक बढ़ता हुआ ट्रेंड है। अंडे फ्रीजिंग महिलाओं को अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने और बाद में परिवार शुरू करने का विकल्प देता है।

अंडे फ्रीजिंग क्या है और यह कैसे काम करता है?

अंडे फ्रीजिंग, जिसे चिकित्सकीय भाषा में ओओसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाशय से अंडे निकाले जाते हैं और उन्हें भविष्य में उपयोग के लिए फ्रीज कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

  1. हार्मोन थेरेपी: महिला को हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं जो एक ही समय में कई अंडों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
  2. अंडे निकालना: जब अंडे परिपक्व हो जाते हैं, तो उन्हें एक छोटी सी सर्जरी के माध्यम से निकाला जाता है।
  3. फ्रीजिंग: अंडों को विट्रिफिकेशन नामक एक तकनीक का उपयोग करके फ्रीज किया जाता है, जो उन्हें -196°C तक ठंडा करता है।
  4. संग्रहण: फ्रीज किए गए अंडे तरल नाइट्रोजन में संग्रहित किए जाते हैं और कई वर्षों तक संरक्षित रहते हैं।

अंडे फ्रीजिंग के लाभ

अंडे फ्रीजिंग के कई संभावित लाभ हैं, जो इसे युवा महिलाओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं:

  1. प्रजनन क्षमता का संरक्षण: यह महिलाओं को अपनी युवा और स्वस्थ अंडों को संरक्षित करने की अनुमति देता है, जो बाद में गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है।
  2. करियर लचीलापन: महिलाएं अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं, यह जानते हुए कि उनके पास बाद में परिवार शुरू करने का विकल्प है।
  3. चिकित्सा उपचार से पहले विकल्प: कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज से पहले, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं, महिलाएं अपने अंडे फ्रीज कर सकती हैं।
  4. सही साथी की तलाश का समय: यह महिलाओं को बिना किसी जैविक दबाव के सही साथी ढूंढने का समय देता है।
  5. एकल मातृत्व का विकल्प: यह एकल महिलाओं को भविष्य में मां बनने का विकल्प देता है, चाहे उनके पास साथी हो या नहीं।

अंडे फ्रीजिंग के संभावित जोखिम और साइड इफेक्ट्स

हालांकि अंडे फ्रीजिंग सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ संभावित जोखिम और साइड इफेक्ट्स हैं जिनके बारे में महिलाओं को जागरूक होना चाहिए:

  1. हार्मोन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स: मतली, सिरदर्द, या मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
  2. अंडे निकालने की प्रक्रिया के जोखिम: संक्रमण या रक्तस्राव की संभावना, हालांकि यह दुर्लभ है।
  3. अतिरिक्त अंडाशय उत्तेजना सिंड्रोम (OHSS): यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता है जो हार्मोन उपचार से हो सकती है।
  4. भावनात्मक प्रभाव: प्रक्रिया तनावपूर्ण हो सकती है और भावनात्मक उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है।
  5. सफलता की गारंटी नहीं: फ्रीज किए गए अंडों का उपयोग करके गर्भधारण की कोई गारंटी नहीं है।

करिश्मा मेहता का निर्णय: एक व्यापक परिप्रेक्ष्य

करिश्मा मेहता का निर्णय केवल एक व्यक्तिगत चुनाव नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है। यह निम्नलिखित मुद्दों पर प्रकाश डालता है:

  1. कार्यस्थल में महिलाओं की बढ़ती भूमिका: अधिक से अधिक महिलाएं उच्च पदों पर पहुंच रही हैं और अपने करियर को प्राथमिकता दे रही हैं।
  2. प्रजनन स्वास्थ्य पर बढ़ती जागरूकता: लोग अपने प्रजनन विकल्पों के बारे में अधिक जानकार और सचेत हो रहे हैं।
  3. सामाजिक मानदंडों में बदलाव: परिवार शुरू करने की पारंपरिक उम्र और तरीकों के बारे में धारणाएं बदल रही हैं।
  4. तकनीकी प्रगति: चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति ने ऐसे विकल्प संभव बनाए हैं जो पहले उपलब्ध नहीं थे।

विशेषज्ञों की राय

डॉ. अनुराधा कौशिक, एक प्रसिद्ध प्रजनन विशेषज्ञ, कहती हैं, “अंडे फ्रीजिंग एक महत्वपूर्ण विकल्प है जो महिलाओं को अपने प्रजनन भविष्य पर अधिक नियंत्रण देता है। हालांकि, यह एक जटिल निर्णय है और इसके लिए विस्तृत चिकित्सा परामर्श की आवश्यकता होती है।”

समाजशास्त्री डॉ. मीरा शर्मा का मानना है, “करिश्मा मेहता जैसी प्रभावशाली महिलाओं द्वारा इस तरह के निर्णयों को सार्वजनिक रूप से साझा करना महत्वपूर्ण है। यह अन्य महिलाओं को अपने विकल्पों के बारे में सोचने और चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।”

भारत में अंडे फ्रीजिंग की स्थिति

भारत में अंडे फ्रीजिंग एक उभरता हुआ ट्रेंड है, लेकिन यह अभी भी अपेक्षाकृत नया और कम ज्ञात विकल्प है। कुछ प्रमुख बिंदु:

  1. उपलब्धता: प्रमुख शहरों में कई प्रजनन क्लीनिक अब यह सेवा प्रदान कर रहे हैं।
  2. लागत: प्रक्रिया महंगी हो सकती है, जिसकी कीमत लगभग 1-3 लाख रुपये के बीच होती है।
  3. कानूनी स्थिति: भारत में अंडे फ्रीजिंग कानूनी है, लेकिन इसे नियंत्रित करने वाले विशिष्ट कानून सीमित हैं।
  4. सामाजिक स्वीकृति: हालांकि स्वीकृति बढ़ रही है, लेकिन कई लोग अभी भी इस विकल्प के बारे में संदेह रखते हैं।

करिश्मा मेहता का अपने अंडे फ्रीज करने का निर्णय एक व्यक्तिगत चुनाव से कहीं अधिक है। यह महिलाओं के अधिकारों, करियर विकल्पों और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में एक महत्वपूर्ण सामाजिक संवाद को प्रोत्साहित करता है। जैसे-जैसे अधिक महिलाएं ऐसे निर्णय लेती हैं और अपने अनुभवों को साझा करती हैं, यह समाज को इन मुद्दों पर अधिक खुले और समावेशी दृष्टिकोण की ओर ले जा सकता है।

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अंडे फ्रीजिंग एक जटिल चिकित्सा प्रक्रिया है और यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से परामर्श करना चाहिए और अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर एक सूचित निर्णय लेना चाहिए।

अंत में, करिश्मा मेहता की कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रौद्योगिकी और समाज के विकास के साथ, हमारे पास अपने जीवन और भविष्य को आकार देने के नए तरीके हैं। यह हमें अपने विकल्पों के बारे में सोचने, चर्चा करने और जागरूक होने के लिए प्रेरित करती है, चाहे वे कितने भी व्यक्तिगत या विवादास्पद क्यों न हों।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं