01/07/2025

किसानों के लिए खुशखबरी! KUSUM योजना से मिलेगा फ्री सोलर पंप और हर महीने 10,000 रुपये की अतिरिक्त कमाई

नलिनी मिश्रा
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Published on: 30/06/2025

किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम-KUSUM) योजना भारत के किसानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है। यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है और इसका उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।

हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में कुसुम योजना के लिए 31.92 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह निवेश दर्शाता है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रति कितनी गंभीर है।

कुसुम योजना के तीन प्रमुख घटक हैं। पहला घटक, किसानों को अपनी बंजर या कम उपजाऊ भूमि पर 1-2 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की अनुमति देता है। इससे उन्हें न केवल अपनी सिंचाई जरूरतों के लिए बिजली मिलती है, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं।

दूसरा घटक, किसानों को स्टैंडअलोन सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60% तक की सब्सिडी प्रदान करता है। इससे उन्हें डीजल पंप पर निर्भरता कम करने और परिचालन लागत में कमी लाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, ग्रिड से जुड़े पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए भी सब्सिडी दी जाती है।

तीसरा घटक, ग्रिड से जुड़े पंपों के सोलराइजेशन पर केंद्रित है। इसके तहत, किसान अपने मौजूदा पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए सोलर पैनल स्थापित कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेच सकते हैं।

कुसुम योजना से किसानों को कई लाभ मिल रहे हैं। सबसे पहले, वे अपनी सिंचाई लागत को कम कर सकते हैं। डीजल पंप की तुलना में सौर पंप चलाने की लागत लगभग शून्य है, जिससे किसानों को हर साल हजारों रुपये की बचत होती है।

दूसरा, सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है, जो पर्यावरण के अनुकूल है। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलती है।

तीसरा, किसान अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। कई किसानों ने इस तरह हर महीने 5,000 से 10,000 रुपये तक की अतिरिक्त आय कमाई है।

चौथा, सौर पंप के उपयोग से बिजली की मांग में कमी आती है, जिससे ग्रिड पर दबाव कम होता है और बिजली की कमी से निपटने में मदद मिलती है।

योजना के लिए आवेदन करने के लिए, किसानों को अपने राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (आरईडीए) से संपर्क करना होगा। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है और किसानों को अपना आधार कार्ड, भूमि के दस्तावेज, बैंक खाता विवरण और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।

सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से 2030 तक 30.8 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित करना है। यह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सौर पैनल की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत के लिए तकनीशियनों की आवश्यकता होगी, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होगा।

कुसुम योजना भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदल रही है और किसानों को सशक्त बना रही है। यह उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर भी ले जाती है। किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिसका लाभ उठाकर वे अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं और देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं