
Published on: 02/10/2025
आज का पंचांग 2 अक्टूबर 2025 (Dussehra 2025)
हिन्दू धर्म में पंचांग का महत्व सदियों से माना जाता है। “पंचांग” का अर्थ है पांच अंगों वाला कैलेंडर, जिसमें वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण को जोड़ा जाता है। इसी आधार पर शुभ-अशुभ मुहूर्त तय होते हैं। आज का दिन खास है क्योंकि आज विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं आज के सभी ज्योतिषीय विवरण, शुभ-अशुभ समय और पूजन के खास मुहूर्त।
तिथि, नक्षत्र और योग
तिथि: आश्विन शुक्ल दशमी, शाम 07:11 बजे तक
नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा, सुबह 09:13 बजे तक
योग: सुकर्मा, रात 11:29 बजे तक
चन्द्रमा: मकर राशि में पूरे दिन और रात
सूर्य स्थिति: दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु
आज दशहरा के साथ-साथ शमी पूजन और महात्मा गांधी जयंती भी मनाई जाएगी।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: 06:29 AM
सूर्यास्त: 06:26 PM
चन्द्रोदय: 03:08 PM
चन्द्रास्त: 02:31 AM (3 अक्टूबर)
आज के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:53 AM – 05:41 AM
प्रातः संध्या: 05:17 AM – 06:29 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM – 12:51 PM
विजय मुहूर्त: 02:27 PM – 03:15 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:26 PM – 06:50 PM
सायाह्न संध्या: 06:26 PM – 07:38 PM
अमृत काल: 11:01 PM – 12:38 AM (3 अक्टूबर)
निशिता मुहूर्त: 12:04 AM – 12:52 AM (3 अक्टूबर)
रवि योग: पूरे दिन
विशेष ध्यान दें: विजय मुहूर्त और अभिजित मुहूर्त आज के सबसे प्रभावशाली समय माने गए हैं। दशहरा पूजन, शमी पूजन और घर में विशेष अनुष्ठान इन्हीं समयों में करना शुभ होगा।
आज के अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: 01:57 PM – 03:27 PM
यमगंड: 06:29 AM – 07:59 AM
गुलिक काल: 09:28 AM – 10:58 AM
विडाल योग: 06:29 AM – 10:52 AM
वर्ज्य: 01:16 PM – 02:54 PM
दुर्मुहूर्त: 10:28 AM – 11:16 AM
बाण चोर: 09:25 AM से पूरी रात तक, विशेष रूप से 03:15 PM – 04:03 PM
दशहरा और विजयादशमी का महत्व
हिन्दू धर्म में विजयादशमी का दिन असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने आज ही के दिन रावण का वध किया था। इसी कारण दशहरा पर रावण दहन की परंपरा है।
इस दिन को विजय मुहूर्त कहा जाता है। मान्यता है कि इस समय किए गए कार्यों में सफलता निश्चित रूप से मिलती है। शमी पूजन का भी खास महत्व है, क्योंकि इसे सौभाग्य और विजय का प्रतीक माना जाता है।
विजयादशमी पर क्या करें
रावण दहन देखें या करें – यह परंपरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
शमी वृक्ष की पूजा करें – इसे समृद्धि और विजय का प्रतीक माना गया है।
अभिजित और विजय मुहूर्त में पूजा – इन समयों पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।
नए कार्य की शुरुआत – दशहरा पर कोई भी नया कार्य या निवेश करना अत्यंत शुभ है।
आज का दिन हर दृष्टि से खास है। दशहरा के अवसर पर शुभ मुहूर्त में पूजा और अनुष्ठान करना बेहद फलदायी होगा। साथ ही, अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखकर अपने कार्यों की योजना बनाना जरूरी है। 02 अक्टूबर 2025 का पंचांग न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिन सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का भी गवाह है।
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