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Creepy Calendar: साल 2025 बना 1941 की झलक! हादसों की झड़ियाँ देख कांप उठेंगे आप!

Creepy Calendar: साल 2025 बना 1941 की झलक! हादसों की झड़ियाँ देख कांप उठेंगे आप!

Creepy Calendar: सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 2025 का कैलेंडर बिलकुल 1941 से मिलता-जुलता है, तारीखों से लेकर सप्ताह के दिन तक।

इथियोपिया में अभी भी तेरह महीने वाला कैलेंडर प्रचलित है। वहाँ का वर्तमान वर्ष 2017 चल रहा है।

जैसे ही 2025 ने कदम रखा, विश्व में कई भयावह घटनाएँ घटित हुईं, जिससे लोग इसे ‘सबसे बदकिस्मत’ साल कहने लगे हैं। छह महीनों में अहमदाबाद विमान हादसा, पहलगाम में आतंकी हमला, इजराइल-ईरान तनाव और कैलिफोर्निया की भीषण आग जैसी घटनाओं ने सबको चिंतित कर दिया। इसी बीच यूट्यूबर कुलदीप सिंहानिया का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने दावा किया कि 2025 का कैलेंडर 1941 जैसा है—तारीखें और सप्ताह के दिन एक जैसे।

इस दावे ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है और कई लोगों के मन में यह सवाल उठ गया है कि क्या इतिहास सच में खुद को दोहरा रहा है, और क्या 2025 किसी पुराने भयावह वर्ष की परछाई है?

कुलदीप सिंहानिया का दावा:
कुलदीप सिंहानिया ने अपने वायरल वीडियो में बताया कि 2025 और 1941 का कैलेंडर पूरी तरह मिलते-जुलते हैं। उनका कहना है कि 1941 को द्वितीय विश्वयुद्ध, बमबारी, नरसंहार और अकाल जैसी त्रासदियों के चलते इतिहास का सबसे भयानक वर्ष माना जाता है। अब वही दिन और तारीखें 2025 में भी दोहराई जा रही हैं।

2025 में अब तक क्या-क्या हुआ?
2025 की पहली छमाही में दर्ज प्रमुख घटनाओं में कैलिफोर्निया की भयंकर आग, महाकुंभ में भगदड़, अहमदाबाद विमान दुर्घटना, पहलगाम आतंकी हमला और इजराइल-ईरान के बीच बढ़ता तनाव शामिल हैं। कुलदीप का मानना है कि यह सब छह महीनों में हुआ है, और बाकी साल और भी खतरनाक हो सकता है।

कैलेंडर में छुपा रहस्य?
उन्होंने इतिहास से उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 का कैलेंडर भी 1918 जैसा था—वही वर्ष जब स्पेनिश फ्लू ने तबाही मचाई, और 2019 में कोरोना की शुरुआत हुई। कुलदीप का विश्वास है कि इस पैटर्न को पहचानकर भविष्य को बदला जा सकता है।

13 महीने वाला कैलेंडर!
एक और रोचक तथ्य में उन्होंने बताया कि मूल रूप से वर्ष में 13 महीने होने चाहिए। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने कैलेंडर में सुधार कर अक्टूबर से 10 दिन घटा दिए थे, और पहले जूलियन कैलेंडर चलता था। साथ ही, ‘सितंबर’ सातवां माह होते हुए भी नौवें क्रम में कैसे आ गया, जैसे सवालों को उठाया।

इथियोपिया आज भी अलग कैलेंडर में जी रहा है
इथियोपिया में अभी भी 13 महीने का कैलेंडर प्रचलित है, और वहाँ का वर्ष 2017 है। जब पूरी दुनिया ने 2020 में कोरोना का सामना किया, तब इथियोपिया में वर्ष 2012 था—वही साल जिसे ‘दुनिया खत्म’ होने की भविष्यवाणी से जोड़ा गया था।

क्या कैलेंडर का मेल होना नई बात है?
इतिहासकार मानते हैं कि लगभग हर 28 वर्षों में कैलेंडर का पैटर्न दोहराया जाता है, जो लीप ईयर और सात-दिन के सप्ताह के संयोजन का नतीजा है। 1941 जैसा कैलेंडर 1969, 1997 और अब 2025 में भी आया, और 1928 (लीप ईयर) का कैलेंडर 1956, 1984, 2012 में दिखा।

क्या वाकई इतिहास दोहराता है?
इतिहासकार बताते हैं कि घटनाएँ पूरी तरह से नहीं दोहरातीं; हालात कुछ हद तक समान हो सकते हैं, लेकिन कारण और परिणाम अलग होते हैं। जैसे 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध ने वैश्विक परिदृश्य बदल दिया, 2025 में युद्ध की आशंका है, पर पैमाना और स्वरूप भिन्न होगा। आर्थिक मंदी व सामाजिक अस्थिरता का खतरा लोगों को भयभीत कर रहा है।

लेखक

  • नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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