02/05/2025

बजट 2025-26: विकसित भारत की ओर महत्वपूर्ण कदम

1 फरवरी, 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सामने 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। यह बजट न केवल आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की आर्थिक योजनाओं का खाका प्रस्तुत करता है, बल्कि ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। आइए इस बजट के प्रमुख बिंदुओं पर एक नज़र डालें और समझें कि यह आम नागरिकों के जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।

बजट 2025 के मुख्य बिंदु

1. आर्थिक दृष्टिकोण: विकसित भारत की ओर

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ‘विकसित भारत’ के विज़न पर जोर दिया, जिसमें गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। यह दृष्टिकोण भारत को एक समृद्ध और समावेशी अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का प्रयास है।

2. छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधार

बजट में छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक सुधारों की घोषणा की गई है:

  1. कराधान
  2. वित्तीय क्षेत्र
  3. बिजली क्षेत्र
  4. शहरी विकास
  5. खनन
  6. नियामक सुधार

इन सुधारों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को गति देना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है।

3. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा: पीएम धन धान्य कृषि योजना

किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा के रूप में, सरकार ने ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से कम उपज वाले जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है। इसके तहत:

  • किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
  • सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।

4. मध्यम वर्ग के लिए राहत: खर्च करने की क्षमता में वृद्धि

मध्यम वर्ग, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, इस बजट में विशेष ध्यान का केंद्र रहा है। सरकार ने कई ऐसे उपाय किए हैं जो मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाएंगे:

  • आयकर स्लैब में संशोधन, जिससे करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा रहेगा।
  • घरेलू उत्पादों पर जीएसटी दरों में कमी, जिससे दैनिक उपभोग की वस्तुएं सस्ती होंगी।
  • सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि।

ये उपाय न केवल मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाएंगे, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था में मांग को भी बढ़ावा देंगे।

5. महिला सशक्तिकरण और युवा विकास

बजट में महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं:

  • महिला उद्यमियों के लिए विशेष ऋण योजना की शुरुआत।
  • कार्यस्थल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कार्यशील महिला छात्रावासों की स्थापना।
  • युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों में वृद्धि।
  • स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए नए फंड की घोषणा।

ये पहल भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का बेहतर उपयोग करने में मदद करेंगी।

बजट का प्रभाव: आम आदमी की जेब पर असर

आइए समझें कि यह बजट आम नागरिकों के दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करेगा:

  1. करदाताओं के लिए राहत: नए कर स्लैब के तहत, ₹7 लाख तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा। यह मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है।
  2. उपभोक्ता वस्तुओं पर कम कीमतें: कई दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी से इनकी कीमतें कम होंगी, जिससे महंगाई पर अंकुश लगेगा।
  3. रोजगार के नए अवसर: युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  4. किसानों की आय में वृद्धि: पीएम धन धान्य कृषि योजना से किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।
  5. बेहतर शहरी जीवन: शहरी विकास पर फोकस से शहरों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा, जिससे जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी।

विशेषज्ञों की राय

प्रमुख अर्थशास्त्रियों और वित्तीय विशेषज्ञों ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं:

“यह बजट ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्यम वर्ग और किसानों पर विशेष ध्यान देना सराहनीय है।” – डॉ. रघुराम राजन, पूर्व आरबीआई गवर्नर

“सरकार का छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधार का फोकस अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। हालांकि, इन सुधारों के कार्यान्वयन पर नज़र रखना महत्वपूर्ण होगा।” – डॉ. कौशिक बसु, अर्थशास्त्री

विकास की नई दिशा

बजट 2025-26 ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बजट आर्थिक विकास को गति देने, समावेशी विकास सुनिश्चित करने और भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है। हालांकि, इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन और निरंतर निगरानी आवश्यक होगी।

यह बजट न केवल अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को संबोधित करता है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों की आकांक्षाओं को भी पूरा करने का प्रयास करता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नीतिगत पहल कैसे फलीभूत होती हैं और भारत के विकास की कहानी को आगे बढ़ाती हैं।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं