
Published on: 26/05/2025
नई दिल्ली, 25 मई 2025 (शनिवार): जैसे-जैसे दुनिया तेजी से AI-संचालित भविष्य की ओर बढ़ रही है, गूगल डीपमाइंड (Google Deepmind) के सीईओ डेमिस हसाबिस का युवा पीढ़ी के लिए एक स्पष्ट संदेश है: अभी सीखें या पीछे रह जाएं। हसाबिस गूगल डीपमाइंड का नेतृत्व करते हैं, जो कंपनी के सबसे उन्नत AI विकासों के पीछे एक प्रगतिशील शोध प्रयोगशाला है, जिसमें जेमिनी चैटबॉट भी शामिल है।
यह प्रयोगशाला आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) – एक अभी तक अप्राप्त AI रूप जो मानव-स्तर के तर्क की क्षमता रखता है – को प्राप्त करने के लिए गूगल के प्रयासों का नेतृत्व भी कर रही है। हाल ही में आयोजित गूगल I/O डेवलपर सम्मेलन में, हसाबिस ने कहा कि डीपमाइंड AGI के निर्माण से एक दशक से भी कम दूर है। ऐसे वातावरण में काम करते हुए, वे निश्चित रूप से जानते हैं कि निकट भविष्य में AI किस रूप में विकसित होगी।
AI का बढ़ता प्रभाव और भविष्य की चुनौतियां
लोकप्रिय टेक पॉडकास्ट “हार्ड फोर्क” पर बोलते हुए, हसाबिस ने युवा पीढ़ी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता में पूरी तरह से उतरने के लिए प्रोत्साहित किया, इसे उनके समय की परिभाषित तकनीकी शक्ति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, “जैसे इंटरनेट ने मिलेनियल्स को आकार दिया और स्मार्टफोन ने जेन Z को परिभाषित किया, जेनरेटिव AI जेन अल्फा का प्रतीक है।”
हसाबिस ने आगे बताया, “अगले 5 से 10 वर्षों में, मुझे लगता है कि हम पाएंगे कि बड़े नए तकनीकी बदलावों के साथ आमतौर पर क्या होता है, जो यह है कि कुछ नौकरियां प्रभावित होती हैं। लेकिन नई, अधिक मूल्यवान, आमतौर पर अधिक दिलचस्प नौकरियां बनती हैं।”
उन्होंने युवाओं को AI उपकरणों और अवधारणाओं से जल्द से जल्द परिचित होने की सलाह दी। “इन AI उपकरणों के साथ जो भी होता है, आप यह समझकर बेहतर स्थिति में होंगे कि वे कैसे काम करते हैं, और वे कैसे कार्य करते हैं, और आप उनके साथ क्या कर सकते हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने विश्वविद्यालय की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक मानसिकता बदलाव का भी सुझाव दिया, उन्हें नवीनतम तकनीकों के साथ “निंजा” बनने के लिए प्रोत्साहित किया। “अभी इसमें डूब जाओ,” उन्होंने कहा। “सीखना सीखना महत्वपूर्ण है।” सीईओ की सलाह शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती पहलों के साथ संरेखित है।
तकनीकी कौशल से परे: भविष्य के लिए आवश्यक गुण
हालांकि हसाबिस का मानना नहीं है कि केवल तकनीकी जानकारी ही पर्याप्त होगी। उन्होंने एक ठोस STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) आधार के मूल्य पर जोर दिया, विशेष रूप से कोडिंग, जबकि रचनात्मकता, अनुकूलनशीलता और लचीलेपन जैसे व्यापक “मेटा कौशल” के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
“ये वे क्षमताएं हैं जो अगली पीढ़ी को फलने-फूलने में मदद करेंगी,” उन्होंने समझाया। “STEM के मूल सिद्धांतों में अच्छा होना अभी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण है लगातार परिवर्तन के लिए नेविगेट करने की मानसिकता विकसित करना।”
2022 में OpenAI द्वारा ChatGPT लॉन्च करने के बाद से, AI परिदृश्य तेजी से विकसित हुआ है, जिससे कार्यस्थल पर इसके प्रभाव के बारे में उत्साह और चिंता दोनों पैदा हुई है। जैसे-जैसे AGI की ओर दौड़ तेज होती है, हसाबिस का मानना है कि युवा लोगों को AI को समझने, उपयोग करने और इसके साथ नवाचार करने के लिए तैयार करना हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है।
उनका संदेश स्पष्ट है: AI सिर्फ भविष्य नहीं है – यह वर्तमान है। और जेन अल्फा के लिए, जो इसे जल्दी अपनाते हैं, उन्हें एक ऐसी दुनिया में शुरुआती बढ़त मिलेगी जो तेजी से बुद्धिमान मशीनों से आकार ले रही है।
AI के परिवर्तनशील प्रभाव से निपटने की रणनीतियां
इस महीने की शुरुआत में, हसाबिस ने विकसित AI दुनिया के अनुकूल होने के लिए छात्रों को सलाह देने के लिए भी आगे आए। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शिक्षा और रोजगार पर प्रभाव के बारे में बात करते हुए, हसाबिस ने युवा लोगों को न केवल तकनीकी ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि स्वयं की और वे कैसे सीखते हैं, इसकी गहरी समझ विकसित करने के लिए भी प्रेरित किया।
“अंडरग्रेजुएट के रूप में आपके पास जो समय है, उसका उपयोग स्वयं को बेहतर ढंग से समझने और सीखने के तरीके सीखने के लिए करना महत्वपूर्ण है,” उन्होंने कहा।
AI नवाचार में अग्रणी व्यक्ति, हसाबिस ने चेतावनी दी कि जबकि कठिन कौशल महत्वपूर्ण रहते हैं, उनमें से कई पहले से ही मशीनों द्वारा अधिक कुशलता से किए जा रहे हैं। इसके बजाय, वे छात्रों को लचीलेपन और संज्ञानात्मक चपलता को प्राथमिकता देने का सुझाव देते हैं – ऐसे गुण जो AI के लिए दोहराना कठिन होंगे। “यह क्षमता,” उन्होंने समझाया, “विशिष्ट कठिन कौशल की तुलना में अधिक टिकाऊ और मूल्यवान है, जो तकनीकी प्रगति के सामने जल्दी से अप्रचलित हो सकते हैं।”
AI की दुनिया में सफलता के लिए महत्वपूर्ण कौशल
जेनरेटिव AI के साथ परिवर्तन की गति तेज होने के साथ, हसाबिस का कहना है कि छात्रों को सक्रिय और जिज्ञासु होने की आवश्यकता है। वे विश्वविद्यालय में खाली समय का उपयोग तेजी से विकसित होने वाले क्षेत्रों का पता लगाने और औपचारिक पाठ्यक्रम से परे नए उपकरणों के साथ प्रयोग करने की सलाह देते हैं।
“अपनी औपचारिक शिक्षा के माध्यम से मूल बातें सीखें, लेकिन अपने खाली समय में प्रयोग करें ताकि जब आप स्नातक हों, तब आप अप्डेट रहें,” उन्होंने सलाह दी।
बदलती नौकरी बाजार के लिए तैयारी
AI प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित तेज परिवर्तन के इस युग में, भविष्य के कार्यबल के लिए प्रासंगिक बने रहने के लिए नए कौशल और क्षमताओं को विकसित करना अनिवार्य हो गया है। हसाबिस का दृष्टिकोण स्पष्ट है: कौशल विकास एक सतत प्रक्रिया है, और आज के छात्रों को AI के साथ न केवल सह-अस्तित्व के लिए, बल्कि इसका लाभ उठाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दशक में, AI कई पारंपरिक कार्यों को स्वचालित कर देगा, जिससे प्रत्येक उद्योग में कार्य की प्रकृति बदल जाएगी। परिवर्तन की इस लहर में, महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे मानवीय कौशल पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगे।
शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच बढ़ती सहमति है कि AI को एक प्रतिद्वंद्वी के बजाय एक साथी के रूप में देखा जाना चाहिए। AI उपकरणों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता – जिसे अक्सर “AI साक्षरता” कहा जाता है – भविष्य के कार्यस्थल में एक आवश्यक कौशल बन जाएगी।
भारत में AI शिक्षा और रोजगार परिदृश्य
भारत के संदर्भ में, AI क्रांति ने पहले से ही गति पकड़ ली है, जिससे शिक्षा और रोजगार दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) और अन्य प्रमुख संस्थानों ने अपने पाठ्यक्रमों में AI और मशीन लर्निंग पाठ्यक्रमों को एकीकृत किया है। कई निजी शिक्षा प्लेटफॉर्म भी AI-केंद्रित पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, जिससे छात्रों को इस उभरते क्षेत्र में कौशल विकसित करने का अवसर मिल रहा है।
रोजगार के मोर्चे पर, भारत का IT क्षेत्र AI प्रतिभाओं की बढ़ती मांग देख रहा है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो जैसी कंपनियां अपने कर्मचारियों को AI कौशल में अपस्किल करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं। इसके अलावा, भारत में AI स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भी फल-फूल रहा है, जिससे इनोवेटर्स के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
युवा पीढ़ी के लिए AI सीखने के व्यावहारिक चरण
हसाबिस की सलाह को ध्यान में रखते हुए, भारतीय युवा पीढ़ी AI के साथ अपनी यात्रा शुरू करने के लिए कई व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं:
- मूल बातें सीखें: Python जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं में मूलभूत कौशल विकसित करें, जो AI विकास के लिए आवश्यक हैं।
- मुफ्त संसाधनों का लाभ उठाएं: कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जैसे Coursera, edX और Khan Academy, AI और मशीन लर्निंग पर मुफ्त या किफायती पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
- प्रोजेक्ट-आधारित सीखने का अभ्यास करें: छोटे AI प्रोजेक्ट्स पर काम करके व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें, जैसे कि एक बुनियादी चैटबॉट बनाना या छवि वर्गीकरण मॉडल।
- AI समुदाय से जुड़ें: ऑनलाइन फोरम, सोशल मीडिया समूह और स्थानीय मीटअप में शामिल हों जहां AI उत्साही लोग अपने अनुभव और ज्ञान साझा करते हैं।
- AI उपकरणों के साथ प्रयोग करें: ChatGPT, Google’s Gemini और अन्य उपलब्ध AI उपकरणों के साथ खेलें और जानें कि वे कैसे काम करते हैं।
शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता
AI की बढ़ती भूमिका के साथ, भारत की शिक्षा प्रणाली में भी अनुकूलन की आवश्यकता है। पारंपरिक शिक्षा मॉडल, जो रटने और परीक्षा-केंद्रित मूल्यांकन पर जोर देते हैं, भविष्य के कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते हैं।
शिक्षाविदों का सुझाव है कि स्कूलों और कॉलेजों को अपने पाठ्यक्रमों में AI और डिजिटल साक्षरता को एकीकृत करना चाहिए, यहां तक कि प्राथमिक स्तर से भी। इसके अलावा, समस्या-समाधान, आलोचनात्मक सोच और सहयोगात्मक कार्य जैसे कौशलों पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, जो AI के युग में अधिक मूल्यवान होंगे।
AI और मानव सहयोग का भविष्य
जबकि AI नौकरियों में बदलाव ला सकती है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह मानव श्रम को पूरी तरह से प्रतिस्थापित नहीं करेगी। इसके बजाय, भविष्य AI और मानव सहयोग का होगा, जहां प्रत्येक अपनी अनूठी ताकतों का योगदान देगा।
AI दोहराव वाले, डेटा-गहन कार्यों को स्वचालित कर सकती है, जबकि मनुष्य रचनात्मकता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और नैतिक निर्णय जैसे क्षेत्रों में अधिक मूल्य जोड़ सकते हैं। इस नए परिदृश्य में सफल होने के लिए, व्यक्तियों को AI के साथ प्रभावी ढंग से काम करने के लिए अपने कौशल सेट को अपडेट और विविधता लाने की आवश्यकता होगी।
भविष्य के लिए तैयारी
गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हसाबिस की चेतावनी AI द्वारा संचालित भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण याद दिलाने वाला है, जो तेजी से हमारी वास्तविकता बन रहा है। उनकी सलाह स्पष्ट है: अभी से तैयारी शुरू करें, AI साक्षरता विकसित करें, और इस तकनीकी क्रांति के अवसरों का लाभ उठाने के लिए खुद को स्थिति में रखें।
युवा पीढ़ी और युवा पेशेवरों के लिए, यह सीखने, अनुकूलन करने और नवाचार करने का समय है। AI न केवल एक उपकरण है, बल्कि एक परिवर्तनकारी शक्ति है जो हमारे काम करने, सीखने और रहने के तरीके को बदल रही है। इस परिवर्तन को अपनाने और इससे आगे निकलने की क्षमता भविष्य की सफलता की कुंजी होगी।
जैसा कि हम AI के युग में आगे बढ़ते हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मानवीय गुण – रचनात्मकता, अनुकूलनशीलता, और भावनात्मक बुद्धिमत्ता – हमेशा मूल्यवान रहेंगे। AI के साथ साझेदारी में काम करके, हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहां प्रौद्योगिकी हमारी क्षमताओं को बढ़ाती है, प्रतिस्थापित नहीं करती।
हसाबिस के शब्दों में, “अगली पीढ़ी के लिए तैयारी अब शुरू होती है।” भारत के लिए, जहां युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, यह AI क्रांति में अग्रणी बनने का अवसर है, जिससे आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।