Published on: 24/06/2025
क्या आपका भी विदेश में शिक्षा प्राप्त करने का सपना है? क्या आप भी विदेशी विश्वविद्यालय से पढ़कर अपना करियर बनाना चाहते हैं? तो आपके लिए खुशखबरी है। अब महाराष्ट्र के विद्यार्थियों को अपने ही राज्य में विश्वस्तरीय शिक्षा मिलने वाली है। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा उपलब्ध होगी।
इससे न केवल महाराष्ट्र के छात्रों को लाभ होगा बल्कि देशभर के विद्यार्थी यहां आकर अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। हम आपको बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र की एजु-सिटी यानि मुंबई में कैंपस खोलने के लिए पांच प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) दिया गया है।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 250 एकड़ में यह एजु-सिटी बनाई जा रही है, जहां विश्व के 10 प्रमुख विश्वविद्यालयों के लिए स्थान निर्धारित किया गया है। यह घोषणा मुंबई में आयोजित ‘मुंबई राइजिंग: क्रिएटिंग अ इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी’ कार्यक्रम में की गई, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और यूजीसी के अधिकारी भी उपस्थित थे।
इन पांच अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अबर्डीन विश्वविद्यालय (यूके), यॉर्क विश्वविद्यालय (यूके), पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय, इलिनॉइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूएसए) और इस्टिटूटो यूरोपियो डि डिज़ाइन (इटली) शामिल हैं। यह पहल महाराष्ट्र के नवी मुंबई को वैश्विक शिक्षा केंद्र बनाने की महत्वाकांक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
राज्य अधिकारियों ने बताया कि इस कदम से उन छात्रों के लिए नए द्वार खुलेंगे जो अंतरराष्ट्रीय शिक्षा चाहते हैं लेकिन वित्तीय या प्रशासनिक चुनौतियों के कारण विदेश नहीं जा पाते। इस अवसर पर एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “जिन छात्रों के पास विदेश जाने के संसाधन नहीं हैं, वे यहां पढ़ सकेंगे। हमने ऐसा वातावरण बनाया है जिससे कोई भी वंचित न रहे, किसी का सपना अधूरा न रहे।”
इन विदेशी कैंपस की स्थापना से भारतीय छात्रों को विश्वस्तरीय शैक्षिक बुनियादी ढांचा, वैश्विक पाठ्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संकाय मिलेंगे, जिससे राज्य की ज्ञान केंद्र के रूप में छवि बढ़ेगी और विदेशी शिक्षा का एक किफायती विकल्प मिलेगा।
निर्माण और पाठ्यक्रम की पेशकश के संबंध में आगामी महीनों में अधिक विकास की घोषणा होने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल भारत में शैक्षिक मानकों को बेहतर बनाएगी बल्कि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रों और संकायों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग को भी बढ़ावा देगी।