16/06/2025

वैभवी देशमुख NEET परीक्षा में पास सुप्रिया सूले ने दी बधाई

नलिनी मिश्रा
Author Name:
Published on: 15/06/2025

बीड जिले के मस्साजोग गांव की एक साधारण सी लड़की ने असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए देश भर में अपनी पहचान बनाई है। वैभवी देशमुख, जिनके पिता संतोष देशमुख की पिछले साल दिसंबर में निर्मम हत्या कर दी गई थी, ने अपने जीवन के सबसे कठिन समय में भी हिम्मत नहीं हारी और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-NEET) में सफलता हासिल की है।

जब अधिकांश युवा ऐसी परिस्थितियों में टूट जाते हैं, तब वैभवी ने अपने दुःख को अपनी ताकत बनाकर न केवल 12वीं कक्षा में 85.33 प्रतिशत अंक हासिल किए बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश के लिए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा नीट में भी सफलता प्राप्त की। उनके इस साहसिक कदम ने न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए एक नई मिसाल कायम की है।

त्रासदी से संघर्ष तक: वैभवी का सफर

After father’s murder shook Maharashtra, Vaibhavi Deshmukh’s NEET score earns praise from Ajit Pawar

वैभवी देशमुख

9 दिसंबर 2023 का दिन वैभवी के जीवन में एक काला अध्याय बन गया, जब उनके पिता संतोष देशमुख का अपहरण कर उन्हें यातनाएं दी गईं और फिर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। संतोष देशमुख मस्साजोग गांव के सरपंच थे और अपने समुदाय में अत्यंत सम्मानित व्यक्ति थे। उनकी हत्या के पीछे कथित तौर पर एक ऊर्जा कंपनी से जुड़े वसूली रैकेट का विरोध करना बताया गया, जिसने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे महाराष्ट्र राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी थी।

परिवार पर यह आघात ऐसे समय आया जब वैभवी अपनी 12वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारी में जुटी थीं और साथ ही नीट परीक्षा के लिए भी अभ्यास कर रही थीं। अपने पिता की अचानक और दर्दनाक मृत्यु ने उनके परिवार को विचलित कर दिया, लेकिन वैभवी ने हार नहीं मानी। अपने दुःख को ताकत में बदलते हुए, उन्होंने अपने सपनों को जीवित रखने का फैसला किया।

“मेरे पास अब वह पिता नहीं हैं जो मेरी पीठ थपथपाएं,” वैभवी ने 12वीं के परिणाम के बाद कहा था। ये शब्द उनकी पीड़ा को बयां करते हैं, लेकिन साथ ही उनके भीतर छिपी असाधारण दृढ़ता को भी दर्शाते हैं। 12वीं कक्षा में अंग्रेजी में 63, मराठी में 83, गणित में 94, भौतिकी में 83, रसायन विज्ञान में 91 और जीव विज्ञान में 91 अंक प्राप्त करके वैभवी ने साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हों, दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने वे टिक नहीं सकतीं।

कठिन परिस्थितियों में अद्भुत प्रदर्शन

नीट परीक्षा, जो भारत में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी परीक्षा है, में वैभवी ने 147 अंक हासिल किए। इस वर्ष नीट परीक्षा में सामान्य श्रेणी के लिए कट-ऑफ पिछले वर्ष के 720-162 से घटकर 686-144 हो गया था, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ 161-127 से घटकर 143-113 हो गया था।

ऐसे समय में जब उनका परिवार अभी भी इस त्रासदी से उबर रहा था, वैभवी ने अद्भुत साहस दिखाया और दुःख में डूबने के बजाय अपने पिता के सपनों को पूरा करने का निर्णय लिया। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि आत्मविश्वास और समर्पण के साथ, कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

राजनीतिक नेताओं और समाज से मिला समर्थन

वैभवी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि को महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में भी सराहा गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जो बीड जिले के पालक मंत्री भी हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करके वैभवी की सफलता को “सिर्फ शैक्षणिक उपलब्धि से अधिक” बताया और इसे “त्रासदी के बीच साहस और दृढ़ता का उदाहरण” कहा।

अजित पवार ने अपने पोस्ट में लिखा, “उनकी यात्रा प्रतिकूलता के सामने अटूट दृढ़ संकल्प के बारे में है और यह निश्चित रूप से नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है।” उन्होंने आगे कहा, “वैभवी की सफलता को सिर्फ अंकों से नहीं मापा जा सकता। व्यक्तिगत कठिनाइयों और अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने हतोत्साहित होने या ध्यान खोने से इनकार कर दिया। अपने दुःख को दृढ़ता में बदलते हुए, उन्होंने अनुशासन, समर्पण और उद्देश्य की स्पष्टता के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के अपने सपने को आगे बढ़ाया और उसे साकार किया।”

सांसद सुप्रिया सुले ने भी वैभवी को फोन करके बधाई दी और उनकी सफलता की सराहना की। सुले ने एक्स पर लिखा, “मस्साजोग के सरपंच स्वर्गीय संतोष देशमुख की बेटी वैभवी ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनकी सफलता सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने बहुत ही प्रतिकूल परिस्थितियों में इस परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है। इस सफलता के लिए उन्हें हार्दिक बधाई और उनकी भविष्य की यात्रा के लिए शुभकामनाएं।”

एक मर्डर केस जिसने बदली राज्य की राजनीति

संतोष देशमुख की हत्या ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति को भी प्रभावित किया था। वल्मिक कराड, जो उस समय के मंत्री और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी थे, उन लोगों में शामिल थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) और भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इस घटना ने एक राजनीतिक अंजाम को भी जन्म दिया, जिसमें मुंडे को विपक्षी महा विकास अघाड़ी और सत्तारूढ़ महायुति के भीतर सहयोगियों दोनों से कड़ी आलोचना के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह मामला जाति तनाव को भी पुनर्जीवित करने का कारण बना, क्योंकि अधिकांश आरोपी वंजारी समुदाय से थे।

इस हत्या ने बीड को महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था के चल रहे विवाद में एक केंद्र बिंदु बना दिया, लेकिन वैभवी की उपलब्धि ने अब त्रासदी से उभरी आशा और लचीलेपन की एक कहानी प्रदान की है।

एक संघर्ष जो प्रेरणा बन गया

वैभवी की कहानी महज सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस का एक उदाहरण है जो हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी चुनौतियां आएं, हमें अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होना चाहिए। उनकी यात्रा हमें याद दिलाती है कि अंधेरी रात के बाद सुबह जरूर होती है, और हमारे भीतर की ताकत हमें हर मुश्किल से उबरने में मदद कर सकती है।

वैभवी के अद्भुत संघर्ष और उनकी सफलता ने पूरे महाराष्ट्र में एक नई ऊर्जा का संचार किया है, विशेष रूप से उन युवाओं के बीच जो विपरीत परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। उनकी कहानी बताती है कि जब आप अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।

चिकित्सा क्षेत्र में भविष्य की योजनाएं

वैभवी ने अपने सफल नीट परिणाम के बाद अब चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। उनका सपना एक कुशल चिकित्सक बनने और समाज की सेवा करने का है, जिसे पूरा करने के लिए वे अथक प्रयास कर रही हैं।

इस कठिन समय में, जब उनका परिवार अभी भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है, वैभवी ने अपने जीवन को एक नई दिशा देने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि उनके पिता की सबसे बड़ी इच्छा उनकी शिक्षा और सफलता थी, और उन्हें पूरा करके वे अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दे रही हैं।

शिक्षा का महत्व और महिला सशक्तिकरण

वैभवी की सफलता की कहानी शिक्षा के महत्व और महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण है। ग्रामीण भारत में, जहां लड़कियों की शिक्षा अभी भी कई चुनौतियों का सामना करती है, वैभवी जैसी युवा महिलाएं नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल के रूप में उभर रही हैं।

उनकी कहानी दर्शाती है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं, और परिवार तथा समाज का समर्थन उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैभवी के मामले में, उनकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों का अटूट समर्थन उनकी प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत रहा है।

न्याय की आवाज और समुदाय का समर्थन

हालांकि वैभवी अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, उनका परिवार और समुदाय अभी भी संतोष देशमुख की हत्या के मामले में न्याय की मांग कर रहा है। मामले ने जाति आधारित तनाव को भी उजागर किया है, क्योंकि संतोष देशमुख मराठा समुदाय से थे और अधिकांश आरोपी वंजारी समुदाय से हैं।

इस मामले ने महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं, और राज्य सरकार पर न्याय सुनिश्चित करने का दबाव बना हुआ है। वैभवी की सफलता ने इस मामले को फिर से चर्चा में ला दिया है, और कई लोगों का मानना है कि यह न्याय प्राप्ति की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

एक नई उम्मीद का संचार

वैभवी देशमुख की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी चुनौतियां आएं, हमारे भीतर की ताकत और दृढ़ संकल्प हमें हर मुश्किल से उबरने में मदद कर सकते हैं। उनकी सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है।

आज जब वैभवी अपने चिकित्सा करियर की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं, वे न केवल अपने सपनों को साकार कर रही हैं बल्कि अपने पिता की विरासत को भी जीवित रख रही हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा साहस विपत्ति के बीच से निकलकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में है।

वैभवी देशमुख जैसे युवा भारत के भविष्य हैं, जो अपने संघर्ष और सफलता से दूसरों को प्रेरित करते हैं। उनकी कहानी एक ऐसी कहानी है जो दशकों तक याद की जाएगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं