03/05/2025

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पैन कार्ड स्कैम अलर्ट

पैन कार्ड स्कैम: कैसे हो रही है इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को निशाना बनाने की कोशिश?

भारत में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और ताज़ा मामला ‘पैन कार्ड स्कैम’ से जुड़ा है। इस धोखाधड़ी का मुख्य लक्ष्य इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के ग्राहक हैं, जहां जालसाज फिशिंग (Phishing) तकनीकों का उपयोग करके उनके बैंक खाते और अन्य निजी जानकारी को चुराने का प्रयास कर रहे हैं।

पैन कार्ड स्कैम: क्या है यह धोखाधड़ी?

पैन कार्ड (Permanent Account Number) भारत के आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो वित्तीय और कर संबंधी पहचान के लिए उपयोग किया जाता है। यह स्कैम मुख्यतः पैन कार्ड की जानकारी सत्यापित या अपडेट करने के नाम पर लोगों को झांसा देता है। जालसाज IPPB के ग्राहकों को फर्जी कॉल, एसएमएस, या ईमेल भेजते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि उनकी पैन कार्ड जानकारी अपडेट करना अनिवार्य है।

कैसे काम करता है यह स्कैम?

इस धोखाधड़ी की प्रक्रिया काफी सोची-समझी होती है। निम्नलिखित चरणों में इसे समझा जा सकता है:

  1. संदिग्ध कॉल और मैसेज:
    धोखेबाज IPPB के नाम पर ग्राहकों को फोन करते हैं या एसएमएस भेजते हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि उनका पैन कार्ड विवरण अद्यतन (Update) करना जरूरी है, अन्यथा उनका खाता अवरुद्ध (Blocked) हो सकता है।
  2. फर्जी लिंक:
    ग्राहकों को एक फर्जी लिंक प्रदान किया जाता है, जो दिखने में IPPB की आधिकारिक वेबसाइट जैसा होता है। इस लिंक पर क्लिक करने पर एक नकली पोर्टल खुलता है।
  3. व्यक्तिगत जानकारी चोरी:
    ग्राहक से उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और ओटीपी (OTP) जैसी जानकारी मांगी जाती है। यह जानकारी चोरी कर जालसाज वित्तीय लेन-देन करते हैं या बैंक खाते से धन निकालते हैं।
  4. मनगढ़ंत डर:
    जालसाज ग्राहकों को डराने के लिए कहते हैं कि जानकारी अद्यतन न करने पर उनका खाता बंद हो सकता है। इससे घबराकर कई ग्राहक फर्जी पोर्टल पर जानकारी भर देते हैं।

ऐसे स्कैम से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. सतर्क रहें और सोच-समझकर कदम उठाएं:
    अगर कोई कॉल, मैसेज, या ईमेल आपके पैन कार्ड जानकारी मांग रहा है, तो पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें।
  2. सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें:
    IPPB या किसी अन्य बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाकर जानकारी अपडेट करें। IPPB की आधिकारिक वेबसाइट https://ippbonline.com है।
  3. फिशिंग लिंक से बचें:
    किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और न ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें।
  4. OTP साझा न करें:
    बैंक या अन्य प्राधिकृत संस्थान कभी भी आपसे ओटीपी साझा करने को नहीं कहते हैं। ओटीपी गोपनीय जानकारी है।
  5. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें:
    अगर आपको किसी भी कॉल या मैसेज पर शक हो, तो इसकी जानकारी तुरंत IPPB कस्टमर केयर (टोल-फ्री नंबर 155299) या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।

जालसाजों का शिकार कैसे न बनें?

IPPB ने अपने ग्राहकों को कई बार जागरूक करने का प्रयास किया है। उनकी ओर से कहा गया है कि वे कभी भी ईमेल, फोन कॉल, या एसएमएस के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी की मांग नहीं करते। जालसाज आम तौर पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर ग्राहकों से जानकारी उगलवाने की कोशिश करते हैं।

असली और नकली पोर्टल की पहचान कैसे करें?

  1. वेबसाइट का URL जांचें:
    आधिकारिक वेबसाइट के URL में हमेशा ‘https://’ प्रोटोकॉल होगा। अगर URL में गड़बड़ी लगे, तो तुरंत साइट बंद कर दें।
  2. स्पेलिंग और लेआउट पर ध्यान दें:
    जालसाजों द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट पर अक्सर IPPB का लोगो और डिज़ाइन तो मिलता है, लेकिन स्पेलिंग गलत होती है।
  3. कॉल वेरिफाई करें:
    IPPB या अन्य बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल कर किसी भी जानकारी की पुष्टि करें।

साइबर अपराध से बचने के लिए सरकारी पहल

भारत सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए सक्रिय हैं। IPPB अपने ग्राहकों को लगातार जागरूक कर रहा है और उन्हें साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की सलाह दे रहा है।

  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन:
    अगर आप किसी साइबर अपराध के शिकार होते हैं, तो आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • बैंकिंग फ्रॉड रोकथाम:
    भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों को इस प्रकार की धोखाधड़ी के प्रति सतर्क करें।

‘पैन कार्ड स्कैम’ भारत में बढ़ते साइबर अपराधों का एक चिंताजनक उदाहरण है। ऐसे मामलों में सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। IPPB ग्राहकों और अन्य बैंक उपभोक्ताओं को यह समझना चाहिए कि किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करना खतरनाक हो सकता है।

अगर आपको किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि का सामना करना पड़े, तो तुरंत कस्टमर केयर, बैंक या पुलिस से संपर्क करें। आपकी सतर्कता ही आपको इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचा सकती है।

क्या करें अगर आप धोखाधड़ी का शिकार हो जाएं?

  • अपने बैंक खाते को तुरंत ब्लॉक करवाएं।
  • नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें।
  • राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
  • अपनी क्रेडिट या डेबिट कार्ड की गतिविधियों पर नजर रखें।

इस लेख को साझा करके दूसरों को भी इस धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क करें। आज की डिजिटल दुनिया में सावधानी और जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं