03/05/2025

शेख हसीना वीज़ा विस्तार और पासपोर्ट विवाद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में वीज़ा विस्तार और उनके पासपोर्ट रद्द होने की घटनाओं ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं। यह घटनाक्रम बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल और भारत-बांग्लादेश संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

शेख हसीना का भारत में आगमन और वीज़ा विस्तार

पिछले वर्ष अगस्त में, बांग्लादेश में छात्र आंदोलनों के बाद उत्पन्न अस्थिरता के चलते, शेख हसीना ने भारत में शरण ली थी। भारत सरकार ने उनके वीज़ा की अवधि बढ़ाकर उनके भारत में रहने की अनुमति दी है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है और उनकी वापसी की मांग कर रही है।

बांग्लादेश द्वारा पासपोर्ट रद्द और प्रत्यर्पण की मांग

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना सहित 97 लोगों के राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं, जिन पर जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गायब होने और हत्याओं में शामिल होने के आरोप हैं। बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की भी मांग की है, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भारत की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक दृष्टिकोण

भारत ने शेख हसीना का वीज़ा बढ़ाकर यह संकेत दिया है कि वह बांग्लादेश के दबाव में नहीं आएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भारत ने शेख हसीना को शरण नहीं दी है, क्योंकि भारत में शरणार्थियों से संबंधित कोई विशेष कानून नहीं है। यह निर्णय भारत-बांग्लादेश संबंधों में संतुलन बनाए रखने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और अंतरिम सरकार की भूमिका

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख हसीना और उनकी पार्टी पर शिकंजा कसने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। यह घटनाक्रम बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति में गहराते संकट को दर्शाता है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर संभावित प्रभाव

शेख हसीना के वीज़ा विस्तार और बांग्लादेश द्वारा उनके पासपोर्ट रद्द करने की घटनाएँ दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव बढ़ा सकती हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन वर्तमान घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी आ सकती है।

शेख हसीना का भारत में वीज़ा विस्तार और बांग्लादेश द्वारा उनका पासपोर्ट रद्द करना दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। यह घटनाक्रम बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और भारत-बांग्लादेश संबंधों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत देता है। दोनों देशों को इस संवेदनशील मुद्दे पर संयम और समझदारी से काम लेना होगा ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।

लेखक

  • Nalini Mishra

    नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं

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नलिनी मिश्रा: डिजिटल सामग्री प्रबंधन में विशेषज्ञता नलिनी मिश्रा डिजिटल सामग्री प्रबंधन की एक अनुभवी पेशेवर हैं। वह डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कुशलतापूर्वक काम करती हैं और कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन, और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखती हैं