
Published on: 12/07/2025
भारत में नई कार लेने का उत्साह तो हर किसी को होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि छोटी-सी चूक लाखों में भारी पड़ सकती है? वैसे भी, कार डिलीवरी के दिन की खुशी और एड्रेनालाईन अलग ही होता है। सोचीए, आप पहली बार गाड़ी के अंदर बैठते ही महसूस करेंगे कि सफर कितना सुकून देने वाला होगा—लेकिन क्या जरूरी चेकलिस्ट पर ध्यान दिया है? आकाश ने बताया कि एक बार उसने दस्तावेज़ों में गड़बड़ी छोड़ दी थी, और बाद में क्लियर करने में हफ्ते निकल गए। तो चलिए, बिना लम्बा खिंचे, जानते हैं वो पांच अहम बातें जिन्हें डिलीवरी से पहले ज़रूर चेक करना चाहिए।
नई कार की डिलीवरी लेने से पहले जानें ये मुख्य बातें
-
दस्तावेज़ सही हैं या नहीं
-
बॉडी और पेंटिंग इम्पीयरमेंट
-
इंटीरियर की हालत
-
इंजन व मेकेनिकल स्टेटस
-
टेस्ट ड्राइव में रेस्पॉन्स
1. डॉक्यूमेंट्स की जांच करें
ओनरशिप और पंजीकरण
पहले तो “RC” (Registration Certificate) कन्फर्म करें। वैसा भी, बिना सही पंजीकरण के ड्राइविंग लाइसेंस से भी परेशानी हो सकती है।
बीमा कवरेज
जान लें कि बीमा “Third-Party” या “Comprehensive” है? संजय ने दूसरी बार Full Kasko लिया था, और ट्रैफिक चालान में खूब बचत हुई।
2. कार की बॉडी और पेंटवर्क
स्क्रैच और डेंट
रंग-रोगन चेक करें। किसी भी खरोंच से पेंट के नीचे धातु दिख सकती है। छोटे-से-कमाल का ग्लिटर स्क्रैच भी बाद में जंग का कारण बन सकता है।
पेंट क्वालिटी
सूरज की रोशनी में कार की पेंटिंग कैसे दिख रही है? अगर कोई कलर शेडिंग या चमक कम दिखे, तो तुरंत रिक्लेम करें।
3. इंटीरियर निरीक्षण
सीट्स और फर्निशिंग
लीदर सीट हो या फैब्रिक, सिलाई ढीली तो नहीं? सीट बेल्ट क्लिप आराम से लॉक होती है या अटकती है?
इलेक्ट्रॉनिक्स चेक
विंडो ऑपरेटर, मिरर समायोजन, एयरकंडीशनिंग—सबको ऑन-ऑफ करके देखें। अगर AC में इधर-उधर से अजीब आवाज़ आए, तो बात बनाना!
4. इंजन और मेकेनिकल चेक
तेल और तरल पदार्थ
इंजन ऑयल, ब्रेक फ्लूड, कूलेंट—हर एक का लेवल गेज पर चेक करें। लो लेवल से इंजन ओवरहीट हो सकता है।
ध्वनि और वाइब्रेशन टेस्ट
इंजन ऑन करते ही कोई अनचाही खट-खट आवाज़? सब कुछ स्मूदनेस से चलना चाहिए, वरना मिस्टेक से लाखों का रिपेयर लग सकता है।
5. टेस्ट ड्राइव
ब्रेकिंग और हैंडलिंग
ब्रेक पर ठहराव कैसा है? सिंगल बेजर या ड्यूल डिस्क? सड़कों पर स्टीयरिंग रेस्पॉन्स देखकर पता चलता है कि शॉक्स ठीक हैं या नहीं।
कम्फर्ट और शोर लेवल
अपने सिर पर हाथ रखके इंजन की आवाज़ सुनें। कितनी वाइब्रेशन हो रही है? सोचिए, लंबी दूरी तय करनी है, तो कम शोर जीवन बचाता है।
अडवांस फीचर्स और एक्सेसरीज़
इन्फोटेनमेंट सिस्टम
टचस्क्रीन रिस्पॉन्स टाइम ठीक है? ब्लूटूथ, Android Auto या Apple CarPlay में कनेक्टिविटी टेस्ट करें।
सेफ्टी एड्स
एयरबैग, ABS, EBD, पार्किंग सेंसर—सब एक्टिव हैं या नहीं? आपने देखा होगा, अमित ने बताया कि एक बार पैर सेंसर ने काम नहीं किया था, और मॉल में झंझट हो गया।
नई कार की डिलीवरी का दिन उत्साह से भरपूर होता है, लेकिन सोचीए—एक छोटी चूक लाखों की परेशानी बना सकती है। दस्तावेज़, बॉडी, इंटीरियर, इंजन और फीचर्स—हर पॉइंट पर ध्यान देना बनता है। वरना “देखा, चिल्ला-चिल्ला के भी सपने छिन सकते हैं” जैसा हाल हो सकता है! ठीक से चेकलिस्ट फॉलो करें और फिर मुस्कुराते हुए पहली बार कार स्टार्ट करें—इससे बड़ा सुख शायद ही कुछ हो। ॥